Friday, November 22, 2024
Home haryana संस्थाओं को नकारने के साथ खुद के दिए आंकड़ों से भी मुकर रहे हैं मुख्यमंत्री- हुड्डा

संस्थाओं को नकारने के साथ खुद के दिए आंकड़ों से भी मुकर रहे हैं मुख्यमंत्री- हुड्डा

by Newz Dex
0 comment

विकराल रूप ले चुकी बेरोजगारी पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जताई गहरी चिंता

कानून-व्यवस्था, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ रहा है बेरोजगारी का विपरीत असर- हुड्डा

बेरोजगारी की वजह से लगातार बढ़ रहे हैं अपराध के मामले- हुड्डा 

हकीकत से नजरें चुराने की बजाय, समस्या का समाधान करे सरकार- हुड्डा 

न्यूज डेक्स हरियाणा

चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश में विकराल रूप ले चुकी बेरोजगारी पर गहरी चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि हरियाणा बेरोजगारी के मामले में लगातार टॉप पर है। बेरोजगारी को लेकर सर्वे करने वाली संस्था सीएमआईई (सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी) के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश का हर तीसरा व्यक्ति बेरोजगारी का दंश झेल रहा है।

प्रदेश की कानून-व्यवस्था, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी इसका विपरीत असर पड़ रहा है। बावजूद इसके, नौकरियां देने की बजाए सरकार लगातार छंटनी करने में लगी हुई है। नयी भर्तियां करने की बजाय पुरानी भर्तियों को रद्द किया जा रहा है। भर्ती परीक्षाओं के इंतजार में युवा ओवर-एज हो रहे हैं। रोजगार के नाम पर सरकार ठेकेदारी प्रथा को आगे बढ़ा रही है। हमारी सरकार के दौरान इस प्रथा को खत्म करने की दिशा में प्रयास किए गए थे, लेकिन मौजूदा सरकार इसे बढ़ावा देने में लगी है। ठेकेदारों के जरिए रोजगार के नाम पर युवाओं से जमकर लूट हो रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार खुद के दिए आंकड़ों से भी मुकर रही है। 3 महीने पहले मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था कि हरियाणा में 8.36 लाख बेरोजगार हैं। लेकिन अब वो कह रहे हैं कि हरियाणा में सिर्फ 5 से 6 लाख ही बेरोजगार हैं। ये समझ से परे है कि बिना कोई नयी भर्ती किए, बिना कोई नया उद्योग या परियोजना स्थापित किए, कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान प्रदेश सरकार ने 3 लाख बेरोजगारों को किस तरह रोजगार दे दिया।

हुड्डा ने सरकार को याद दिलाया कि कर्मचारी चयन आयोग द्वारा जब पिछली बार क्लर्क भर्ती निकाली गई थी तो उसके लिए हरियाणा में करीबन 25 लाख आवेदन आए थे। ग्रुप-डी के 18000 पदों के लिए भर्ती निकाली थी तो उसके लिए करीब 18 लाख युवाओं ने अप्लाई किया था। चतुर्थ श्रेणी की नौकरी के लिए अप्लाई करने वालों में ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, बीटेक योग्यता वाले युवा भी शामिल थे।

इतना ही नहीं, पिछले दिनों पानीपत कोर्ट में चपरासी के 13 पदों पर भर्ती के लिए प्रदेश के 14,871 युवाओं ने आवेदन किए थे। जबकि इस पद के लिये न्यूनतम योग्यता 8वीं पास मांगी गई थी। लेकिन इस अस्थाई भर्ती के लिए भी एमए, एमएससी, एमकॉम किए हुए अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में बेरोजगारी किस कदर पैर पसार चुकी है।

चतुर्थ श्रेणी का रोजगार लेने के लिए भी युवाओं को जबरदस्त कंपटीशन, बेहद मुश्किल लिखित परीक्षा और जटिल चयन प्रक्रियाओं से होकर गुजरना पड़ता है। प्रदेश के युवा लंबे समय से अटकी पड़ी दर्जनभर भर्तियों की प्रक्रिया आगे बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें कभी कोरोना तो कभी दूसरा बहाना बनाकर लटकाया जा रहा है। लेकिन हैरानी की बात है कि इसी सबके बीच राजनीतिक नियुक्तियां धड़ल्ले से की जा रही हैं। 

हुड्डा ने कहा कि आज शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र की तरफ विशेष ध्यान देने की जरुरत है। लेकिन, हरियाणा में पिछले कई सालों से ना डॉक्टर्स की भर्ती हो रही है और ना ही टीचर्स की। हजारों एचटेट जेबीटी पास युवा भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन बीजेपी सरकार के साढ़े 6 साल में आज तक एक भी भर्ती नहीं हुई। बढ़ती बेरोजगारी का सीधा संबंध प्रदेश की कानून-व्यवस्था और अपराध के बढ़ते ग्राफ से है। बेरोजगारी जितनी बढ़ेगी, अपराध भी उतना ही बढ़ेगा। रोज-रोज होने वाली चोरी, लूट, डकैती, फिरौती, अपहरण, रेप और हत्या की वारदातें इसका सबूत हैं। इसलिए सरकार को जमीनी हकीकत ने नजरें चुराने की बजाय, समस्या के समाधान की तरफ कदम बढ़ाने चाहिए।

You may also like

Leave a Comment

NewZdex is an online platform to read new , National and international news will be avavible at news portal

Edtior's Picks

Latest Articles

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00