-रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि किसानों को उत्तेजित कर रही है सरकार
न्यूज डेक्स संवाददाता
जींद।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अहंकार हिमालय से भी बड़ा हो गया है। आज ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा बचकाना व मूर्खतापूर्ण बयान इस सरकार के जालिम व अहंकारी सरकार होने का परिचायक है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार प्रदेश की जनता व किसानों को बार-बार उत्तेजित कर रही है, ताकि आंदोलन को मजबूर हों और सरकार को बुजुर्गों, जवानों व माताओं के सिर फोड़ने का मौका मिल सके।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला बुधवार को जिला कोर्ट में बीबीपुर के किसान दलबीर सिंह की जमानत याचिका पर पैरवी करने पहुंचे थे। किसान दलबीर सिंह को 29 मई शाम को पुलिस ने सोशल मीडिया पर दिए गए बयान के आधार पर राजद्रोह जैसे संगीन आरोपों सहित व फरवरी 2017में प्रधानमंत्री मोदी पर की गई टिप्पणी करने पर गिरफ्तार कर लिया था।
जिला कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हमारे किसान यूनियन के भाइयों पर एक नाजायज और गलत मुकदमा दर्ज करके खट्टर -चौटाला सरकार ने उन्हें जेल की सलाखों के पीछे डाल रखा है। चार साल तीन महीने पहले के एक पुराने मुकदमे में भी डॉक्टर दलबीर बीबीपुर को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया है। दो-दो मुकदमे में किसान यूनियन के नेता दलबीर सिंह को गिरफ्तार किया गया है। हम सब साथियों का ये मानना है कि ये मुख्यमंत्री खट्टर व दुष्यंत चौटाला के अहंकार की पराकाष्ठा है।
उन्होंने कहा कि 4 साल 3 महीने के बाद किसान यूनियन के नेताओं को गिरफ्तार करना, उनको जेल की सलाखों के पीछे डालना, उन पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करना, उन पर भावनाएं भड़काने का मुकदमा दर्ज करना, ये घोर अन्याय है। उन्होंने कहा कि जब-जब अन्याय होता है, उसका फैसला दो जगह होगा। एक जनता की अदालत में और दूसरा कानून की अदालत में। जनता की अदालत में जनता तो फैसला अवश्य करेगी। किसान-मजदूरों पर जो जुल्म खट्टर सरकार, दुष्यंत चौटाला ढाह रहे हैं, इसका न्याय तो हरियाणा व जींद की जनता करेगी, परंतु जनता की अदालत के साथ-साथ आज हमने कानून की अदालत के दरवाजे भी खटखटाए।
सरकार की मंशा संबंधी पूछे गए सवाल पर सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार हरियाणा के किसान, खेत मजदूर, मंडी के आढ़ती, मंडी मजदूर को जानबूझकर उत्तेजित करती है, ताकि सरकार को उन पर लाठिया भांजने का मौका मिले, अश्रु गैस चलाने का मौका मिले, बुजुर्गों व माताओं का सिर फोड़ने का मौका मिले, किसान को जेल की सलाखों के पीछे डालने का मौका मिले।
हिसार, टोहाना व गुड़गांव सहित हरियाणा के अनेक स्थानों पर घटनाएं की घटनाएं इसका उदाहरण है। सच्चाई ये है कि ये सरकार हरियाणा के किसान, मजदूर, आढ़ती, दुकानदार, गरीब अनुसूचित जाति और बैकवर्ड जाति के उन लोगों की जो किसान के साथ खेत में कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं, दुश्मन हैं। और इसलिए इस सरकार का नाम भी लोगों ने दुश्मन रख दिया है। दुष्यंत चौटाला से ‘दूश्’ और मनोहर से ‘मन’, इसलिए ये सरकार किसान मजदूरों की आढ़तियों की दुश्मन है।
किसान आंदोलन को लेकर कृषिमंत्री द्वारा किसानों से बातचीत न करने के बयान के संबंध में पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सुरजेवाला ने कहा कि आज ही देश के कृषिमंत्री ने एक बचकाना, अहंकारी और एक जालिम सरकार के चरित्र का परिचय देते हुए किसानों की मांगो को खारिज करने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी जी का अहंकार तो हिमालय से भी बड़ा है, उन्हें तो इस देश के 62 करोड़ अन्नदाता नजर ही नहीं आते। उन्हें तो तीन धन्नासेठ नजर आते हैं, जिनकी गोदी में मोदी सरकार बैठी है।
उनके कृषिमंत्री ने आज जो बयान दिया है, उसकी जितने कड़े शब्दों में निंदा की जाए वो कम है। ये एक अहंकारी सरकार का मूर्खतापूर्ण चेहरा दिखाता है। कृषिमंत्री द्वारा ये कहना कि किसान चाहें तो बात कर लें पर तीन काले कानून खत्म नहीं होंगे तो बात क्या होगी फिर?उन्होंने हास्यापद करार देते हुए कहा कि तुम रोटी खाने तो आओ, पर न रोटी होगी, न सब्जी होगी, न प्लेट होगी, न भोजन मिलेगा, तो भूख कैसे मिटेगी? उन्होंने आरोप लगाया कि 25 लाख करोड़ का खेती का कारोबार है। अमेरिका सहित कई इकॉनमियों से बड़ा व्यापार है हमारे देश का। खेती उत्पादों के कारोबार को मोदी किसान मजदूर, मंडी मजदूर, आढ़ती-दुकानदार से निकालकर तीन उद्योगपतियों की जेब में डालना चाहते हैं।
ये खेल सीधा है, परंतु मोदी साहब आप ये भूल गए की जिस किसान को लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफा देने का वायदा कर आप सत्ता में आए थे, आज वो किसान आपकी ड्योढ़ी पर एड़ी रगड़ने और सिसकियां लेने को मजबूर है।उन्होंने कहा कि बारिश सर्दी, ओले, लू और अब तपती गर्मी के अंदर किसान कुछ मांग नहीं रहा, केवल न्याय और अपना अधिकार मांग रहा है। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है जिस हुक्मरान ने भी हिंदुस्तान के किसान, मजदूर और छोटे दुकानदार, आढ़ती से टक्कर ली है, वह नेस्तोनाबूद हो गया, उसकी सरकार बची ही नहीं है। इसलिए न खट्टर सरकार बचेगी और न ही मोदी सरकार।
जनता प्रजातांत्रिक तरीके से इन सरकारों को वोट की चोट से उखाड़ फेंकेगी।एक अन्य सवाल पर सुरजेवाला ने कहा कि एक साल से ज्यादा से कोरोना महामारी का कहर है। मोदी जी सत्ता में आए 15-15 लाख हर खाते में डालने का वायदा करके, परंतु आज तक 1,500 रुपए तक नहीं डाले हैं। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने बार-बार एक मांग रखी है की मोदी जी पिछले 7 साल मे अकेले पेट्रोल और डीजल से 14 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त कमा लिया है। पिछले 13 महीने में डीजल पर 24 रुपए 18 पैसे और पेट्रोल में 25.97 रुपए लीटर के दाम बढ़ा दिए।
खट्टर साहब ने डीजल और पेट्रोल पर जो टैक्स लगाया है वो अलग है। अगर आप केवल इस टैक्स में से 6-6000 रुपए निकाल कर किसान, गरीब, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, छोटा दुकानदार, छोटा व्यवसायी इन सबके खाते में डाल दें, तो न्याय हो पाएगा। ठेठ हरियाणवी अंदाज में उन्होंने कहा कि जनता को मीठी गोली देना बंद कीजिए, क्योंकि आपकी मीठी गोली और भाषण की मिठी-मिठी गोलियां चूस कर अब हिंदुस्तान और हरियाणा के लोग थक गए। अब केवल नतीजा चाहिए।
उन्होंने मांग की कि काले कानून खत्म करिए, लागत पर 50 प्रतिशत किसान को मुनाफा दीजिए, खेती पर लगाया टैक्स, खाद पर 5 प्रतिशत, कीटनाशक दवाई पर 18 प्रतिशत, ट्रैक्टर और खेती उपकरणों पर 12 प्रतिशत टैक्स वापस लीजिए। डीजल पर 820 प्रतिशत जो एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई है, इसे भी वापस कर किसान, गरीब तथा आम शहरी को राहत दी जानी चाहिए।पत्रकारवार्ता में पूर्व मंत्री रामभज लोध्र, ईश्वर नैन, भूपेंद्र बूरा। अंशुल सिंगला, नरेश भनवाला, रणबीर पहलवान, संदीप सांगवान, वीरेंद्र जागलान, रघबीर भारद्वाज, रणदीप सहारन, अशोक मलिक, रामपाल उझाना, सुशील कौशिक, कमल चौहान, सुमेर पहलवान, दिनेश मिन्नी आदि भी थे।