-एमएसपी निर्धारण पर केंद्र सरकार को घेरा
-आरोप लगाया कि सरकार ने फसल खरीदी ही काम कर दी तो एमएसपी का क्या फायदा
-कांग्रेस में मतभेद पर बोले कि इसे दूर कर लिया जाएगा पर भाजपा शासित प्रदेशों में भी बंट रही जूतों में दाल
न्यूज डेक्स संवाददाता
जींद।रिष्ठ कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि एमएसपी निर्धारण में केंद्र की मोदी सरकार का किसान विरोधी चेहरा उजागर हुआ है। इसमें एक बार फिर किसानों के साथ विश्वासघात किया है। इस सरकार ने शकुनि का रूप धारण कर लिया है और छल व कपट की चौसर बिछा दी है। एक सवाल के जेवाब में उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में किसी भी मतभेद को दूर कर लिया जाएगा, मगर भाजपा शासित प्रदेशों में भी बगावत के सुर उठे हुए हैं।
उत्सव होटल में गुरुवार शाम कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद पत्रकारवार्ता में उन्होंने सवाल उठाया कि खरीफ फसलों की महंगाई दर 6.2 प्रतिशत है, जबकि खरीफ फसलों की एमएसपी बढ़ोतरी 3.7 प्रतिशत है। ऐसे में उन्होंने सवाल उठाया कि किसान अपनी लागत कैसे पूरी करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को खरीफ लागत मूल्य भी नहीं दे रही है तो लागत के साथ साथ 50 प्रतिशत मुनाफा कब देगी।उन्होंने आरओ लगाया कि8 मोदी सरकार एमएसपी पर फसल खरीदी जान बूझकर कम कर रही है यो एमएसपी निर्धारण का किसान को कैसे फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले साल 2020-21 में लगभग 390 लाख टन किवंटल गेहूं खरीदा और इस साल 30 अप्रैल तक मात्र 271 लाख टन खरीदा। इसी प्रकार पिछले साल एमएसपी पर लगभग 520 लाख टन धान खरीदा और इस साल 481.41 लाख टन खरीदा है। मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री आय सरंक्षण योजना का बजट भी काटकर किसान के पेट पर लात मारने का काम किया है। इस योजना में पिछले साल का बजट 1500 करोड़ रुपया था और इस बार 1100 करोड़ की कटौती कर 400 करोर्ड रुपए कर दिया है।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या 400 करोर्ड रुपया में देश के किसान को भावन्तर योजना का लाभ मिल सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र नोडी को वायदे अनुसार किसान की लागत मूल्य के साथ 50 प्रतिशत मुनाफा भी देना चाहिए। अन्यथा अन्नदाता वोट की चोट से भाजपा सरकार को मदद से उखाड़ फेंकेगा।कांग्रेस में मतभेदों के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मतभेद दूर कर लिए जाएंगे। मगर भाजपा शासित प्रदेशों में भी मुख्यमंत्रियों के खिलाफ जुत्तों में दाल बंट रही है। उत्तरप्रदेश, बिहार, कर्नाटक व गुजरात का विशेष तौर पर उन्होंने उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में भाजपा की नेता वसुंधरा राजे के खिलाफ वहां के नेता दुर्व्यवहार करने से नहीं चूक रहे हैं। यूपी में तो योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री की फोटो तक हटा दी है।