न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 18 अगस्त। गीता ज्ञान संस्थानम में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के सानिध्य में कान्हा का छठी उत्सव श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए इस कार्यक्रम में कृष्ण कृपा परिवार से जुड़े श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि कान्हा का छठी उत्सव भाग्य निर्धारण का दिन है। इस दिन गोकुल में कान्हा ने पूतना का वध किया था। हमें भी आज पूतना जैसी आसुरी जैसी प्रवृत्तियों से दूर रह कर अपने भाग्य निर्धारण का संकल्प लेना चाहिये। स्वामी जी ने कहा कि कृष्ण साक्षात आनंद हैं। गोकुल में जब कान्हा जी का छठी उत्सव मनाया गया तो किसी ने नहीं कहा कि नंद के घर बेटा हुआ है, बल्कि नंद के घर आनंद भयो के गीत गाये गये। इस प्रकार कृष्ण और आनंद दो स्वरुप नहीं, बल्कि कृष्ण ही अपने आप में साक्षात आनंद हैं।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीकृष्ण कृपा गोशाला के प्रधान हंसराज सिंगला ने दीप प्रज्जवलित करके किया। इस अवसर पर संकीर्तनी प्रमुख सुनील वत्स, दीक्षा शर्मा,पवन गुंबर,दुनी चंद,साक्षी नरुला इत्यादि ने राधा और कृष्ण भाव के भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में वासुदेव शरण, धर्मेंद्र सचदेवा, विजय नरुला, गणपतराय माटा, दीपक आहुजा, श्याम आहुजा, सविता वत्स, अनिता, मीनाक्षी नरुला, सुरेश शर्मा, सतीश शर्मा, अभिषेक सिंगला, विजय बवेजा, बिमला देवी सहित अनेक श्रद्धालुओं ने भाग लिया और श्रद्धालु भजनों पर जम कर थिरके। कार्यक्रम के अंत में स्वामी ज्ञानानंद जी के सानिध्य में कृष्ण कृपा परिवार से जुड़े श्रद्धालुओं ने कान्हा जी का आरती उतारी और आयोजित भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया।