कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूआईईटी संस्थान में पांच दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार का शुभारंभ
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 18 अगस्त। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूआईईटी संस्थान तथा इंजीनियरिंग स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में लाइव पांच दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार (18 से 22 अगस्त तक) इलेक्ट्रॉनिक शिक्षण सामग्री विकास विषय का उद्घाटन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डीन इंजीनियरिंग एवं टैक्नोलॉजी व यूआईईटी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सीसी त्रिपाठी ने किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज कोविड-19 जैसी बीमारियों के कारण सबसे ज्यादा असर शिक्षण कार्य पर पड़ा है क्योंकि जो शिक्षण कार्य शिक्षक और विद्यार्थी क्लास रूम में करते हैं उसमें बहुत सारे विद्यार्थियों की कठिनाई समय पर ही हल हो जाती हैं परंतु ऑनलाइन कक्षाओं में हमें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। प्रोफेसर त्रिपाठी ने कहा कि सामान्य ब्लैक बोर्ड आधारित क्लास रूम शिक्षण कार्य के दौरान शिक्षक विषय से सम्बंधित तथ्यों को विविध सा शारीरिक क्रिया, एक्शन, इशारा, मूवमेंट, संदेश आदि से सरलता से समझाता है। बहुत सारे कलर्स प्रयोग करता है तथा बोर्ड पर अतिरिक्त विषय जोड़ कर, फार्मूला आदि लिख कर या ज्यामितीय चिन्हों को तत्काल बनाकर समझने में सक्षम होता है।
उन्होंने कहा कि शिक्षक शिक्षण की विधि का समयानुकुल अविष्कार कर विद्यार्थियों को समझाते हैं और समझ न आने पर उसको दोबारा समझाने का प्रयास कर कठिनाई को दूर करते हैं। आजकल डिजिटल मीडिया में भी कई बार ऑनलाइन प्रक्रियाओं के माध्यम से समस्याओं का समाधान नहीं होता है। इसलिए हमें इस सामग्री इस तरह से विकसित करना चाहिए जिससे क्लास रूम जैसा वातावरण के साथ विकसित हो ताकि विद्यार्थियों की विषय में रुचि और अधिक बढ़ सके।
प्रोफेसर त्रिपाठी ने बताया की हर व्यक्ति को शिक्षा मुहैया करवाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक शिक्षण सामग्री विकसित करके आम जन एवम् दूर दराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने के लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकेगी। सभी को एजुकेशन प्रदान करने का महत्वपूर्ण कार्य किया जा सकता है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए शिक्षण सामग्री को प्रभावित, रुचिकर एवम् खेल खेल में सीखने जैसा ज्ञानवर्धन बनाना होगा जो डिजिटल के समुचित ज्ञान एवम् प्रयोग से संभव है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ऑल इंडिया इंजीनियरिंग स्टाफ कॉलेज के निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. अमर फारूक ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य हर व्यक्ति तक शिक्षकों को विद्यार्थियों की सूची के अनुसार विषय को पहुंचाना है ताकि नई शिक्षा नीति के हर पहलू को विषय में जोड़कर विद्यार्थियों की समस्या का समाधान करना है इसलिए देशभर के इंजीनियरिंग शिक्षकों को ऐसे तत्कालीन विषयों पर शिक्षण दे कर इस डिजिटल युग के लिए शिक्षक प्रशिक्षित करने का कार्य देश भर में कर रहे हैं। ताकि शिक्षक समय के अनुसार ऑनलाइन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर छात्रों को समझने में आने वाली परेशानियों को दूर कर सकें।
मुख्य वक्ता डॉ. मोइतरी गोस्वामी, इंजीनियरिंग स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया ने इलेक्ट्रॉनिक शिक्षण सामग्री का अध्ययन करवाते हुए बताया कि ये विषय 21वीं सदी के लिए बड़ा फायदेमंद रहेगा। उन्होंने बताया शिक्षण गतिविधियों में ऑडियो, वीडियो, एनिमेशन, इंटरनेट एप्लीकेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स किताबें, ग्राफिक्स वीडियो के फॉर्मेट के बारे में बताया। उन्होंने स्प्रेडशीट के बारे में माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल, गूगल शीट व लिब्रा ऑफिस के साथ मूक फॉर्मेट के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक शिक्षण सामग्री में मैटर डाटा की तकनीक के बारे में भी जानकारी प्रदान की।
डॉ. गोस्वामी ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक शिक्षण सामग्री तैयार करते हुए लगभग 6 स्टेजो से गुजरना पड़ता है। विभिन्न स्टेजो से एक के बाद एक का गहन अध्ययन करके हम इसकी ओर सकारात्मक कदम बढ़ा सकते हैं। कार्यक्रम का प्रबंधन करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर स्टाफ कॉलेज के मुखिया ईआर पी साई किशोर ने सभी का स्वागत किया। कार्यशाला के मुख्य सचिव डॉ. दीपक सूद ने कार्यक्रम की रूपरेखा को प्रस्तुत करते हुए धन्यवाद किया। इस मौके पर डॉ. रीटा दहिया, डॉ. विजय गर्ग, डॉ. राहुल गुप्ता के साथ सभी शिक्षक मौजूद रहे।