दीवान के अंत में कुरुक्षेत्र से आए भाई गुरमीत सिंह के कविश्री जत्थे ने अपनी मार्मिक कविता में शहादत का वर्णन
न्यूज डेक्स संवाददाता
जींद। शहीदों के सरताज पांचवीं पातशाही गुरू अर्जुन देव का शहीदी गुरूपर्व सोमवार को शहर के सभी गुरुद्वारों में श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया। गुरूघर के प्रवक्ता बलविंद्र सिंह ने बताया कि शहर के ऐतिहासिक गुरुद्वारा गुरू तेग बहादुर साहिब में धार्मिक दीवान सजाया गया, जिसमें सबसे पहले श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ का भोग डाला गया। इसके बाद गुरुद्वारा साहिब के रागी भाई जसबीर सिंह, कर्मजीत सिंह, हरदीप सिंह के रागी जत्थे द्वारा गुरबाणी के शब्द गायन किए गए।
इसके पश्चात प्रसिद्ध कथा वाचक गुरुविंदर सिंह रत्तक व सिख मिशनरी कॉलेज कुरुक्षेत्र से आए धर्म प्रचारक भाई जगजीत सिंह ने अपने कथा प्रवचनों में गुरु अर्जुन देव की जीवनी व उनकी शहादत को संगतों से रूबरू करवाया। दीवान के अंत में कुरुक्षेत्र से आए भाई गुरमीत सिंह के कविश्री जत्थे ने अपनी मार्मिक कविताओं में गुरू अर्जुन देव द्वारा देश और धर्म की खातिर की गई शहादत का वर्णन करके वातावरण को गमगीन कर दिया।
प्रवक्ता बलविंद्र सिंह ने बताया कि गुरू अर्जुन देव जी सिखों के पांचवें गुरू तथा सिख धर्म के पहले शहीद हुए हैं। इन्हें शहीदों का सरताज भी कहकर पुकारा जाता है। इनकी शहीदी के बाद सुपुत्र गुरू हरगोबिंद सिंह ने शांति के साथ-साथ सैनिक बनने का भी उपदेश दिया।
गुरू अर्जुन देव जी द्वारा रचित वाणी ने भी संतप्त मानवता को शांति का संदेश दिया। सुखमनी साहिब उनकी अमर वाणी हैं और करोडों प्राणी दिन चढ़ते ही सुखमनी साहिब का पाठ कर शांति प्राप्त करते हैं। इसमें साधना, नाम, सुमिरन तथा उसके प्रभावों, सेवा और त्याग, मानसिक दुख-सुख एवं मुक्ति की उन अवस्थाओं का उल्लेख किया गया है। जिनकी प्राप्ति कर मानव अपार सुखों की उपलब्धि कर सकता है।
उन्होंने ही अपनी नेक कमाई से 10वां हिस्सा निकालने की परंपरा की शुरूआत की थी। उन्होंने संदेश दिया कि जीवन मूल्यों के लिए आत्म बलिदान देने को सदैव तैयार रहना चाहिए। इस अवसर पर गुरुद्वारा साहिब के मैनेजर सुखविंदर सिंह ढिल्लों, गुरविंदर सिंह रत्तक, जोगिंदर सिंह पाहवा, सिंह सभा गुरुद्वारा रेलवे के प्रधान जसबीर सिंह, बीबी कमल जीत कौर, आज्ञापाल सिंह, हरविंदर सिंह, रणजीत सिंह, मान सिंह सहित अनेक सेवादार मौजूद रहे। इस मौके पर गुरू का अटूट लंगर भी बरताया गया।