Friday, November 22, 2024
Home Kurukshetra News कैप्टन ने एसवाईएल को राष्ट्रीय सुरक्षा भंग करने की संभावना वाला मुद्दा बताते हुए केंद्र की अपील

कैप्टन ने एसवाईएल को राष्ट्रीय सुरक्षा भंग करने की संभावना वाला मुद्दा बताते हुए केंद्र की अपील

by Newz Dex
0 comment


पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री आगे की चर्चा के लिए जल्द ही चंडीगढ़ में मिलेंगे

न्यूज डेक्स संवाददाता
चंडीगढ़, 18 अगस्त। केंद्र सरकार को सतलुज यमुना लिंक नहर (एस.वाई.एल.) के मुद्दे पर सचेत रहने की अपील करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मंगलवार को कहा कि यह मुद्दा देश की सुरक्षा को भंग करने की संभावना रखता है। मुख्यमंत्री ने तय समय में पानी की उपलब्धता का ताजा मुल्यांकन करने के लिए ट्रिब्यूनल की जरूरत दोहराते हुए माँग की कि उनके राज्य को यमुना नदी सहित उपलब्ध कुल स्रोतों में से पूरा हिस्सा मिलना चाहिए।


केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंस मीटिंग में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्र को कहा, ‘‘आप इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से देखंे। अगर आपने एस.वाई.एल. के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया तो पंजाब जलेगा और यह राष्ट्रीय समस्या बन जायेगी जिससे हरियाणा और राजस्थान भी प्रभावित होंगे।’’ मुख्यमंत्री ने बाद में मीटिंग को ‘सकारात्मक और दोस्ताना’ माहौल में हुई बताते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री पंजाब के नजरिए को समझते हैं।


पाकिस्तान द्वारा राज्य में गड़बड़ फैलाने और पाबन्दीशुदा सिखस फाॅर जस्टिस संस्था के द्वारा अलगाववादी लहर को फिर से खड़ा करने की कोशिशों की तरफ इशारा करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पंजाब हर तरफ से खतरे में है। उन्होंने चेतावनी दी कि पानी का मुद्दा राज्य को और अस्थिर कर देगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब को यमुना के पानी पर अधिकार था जो उनको राज्य के 1966 में हुए विभाजन के समय हरियाणा के साथ 60ः40 अनुपात के बंटवारे के अनुसार नहीं मिला। उन्होंने हरियाणा के अपने हमरुतबा एम.एल. खट्टर के साथ टेबल पर बैठकर इस भावनात्मक मुद्दे पर चर्चा करने के लिए अपनी इच्छा भी जाहिर की। उन्होंने सुझाव दिया कि एस.वाई.एल. नहर /रावी ब्यास पानी के मुद्दे पर चर्चा के लिए राजस्थान को भी शामिल किया जाये क्योंकि वह भी एक हिस्सेदार है।
मीटिंग में फैसला किया गया कि पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर आगे की चर्चा के लिए चंडीगढ़ में मिलेंगे जिसकी तारीख बाद में निर्धारित की जायेगी। इसके बाद ही केंद्रीय मंत्री के पास जाएंगे।

वीडियो काॅन्फ्रेंस में पंजाब का पक्ष आगे रखते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पानी की उपलब्धता का सही अदालती हुक्म लेने के लिए यह जरूरी है कि ट्रिब्यूनल बनाया जाये। उन्होंने कहा इराडी कमीशन द्वारा प्रस्तावित पानी का बंटवारा 40 साल पुराना है जबकि अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार स्थिति का पता लगाने के लिए हर 25 सालों बाद समीक्षा करना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में अभी तक पंजाब के पानी संबंधी कोई ठोस फैसला और तकनीकी मुल्यांकन उपलब्ध नहीं है।

उन्होंने कहा कि बी.बी.एम.बी. के मुताबिक रावी-ब्यास के पानी की उपलब्धता सन 1981 में अंदाजन 17.17 एम.ए.एफ. से कम होकर 13.38 एम.ए.एफ. रह गई है। उन्होंने कहा कि गैर-बेसिन राज्य होने के बावजूद और कम आबादी होने के साथ-साथ कम काश्तकारी वाले जमीनी क्षेत्र होते हुए भी हरियाणा के लिए नदी के पानी की कुल उपलब्धता पंजाब के 12.42 एम.ए.एफ. के मुकाबले 12.48 एम.ए.एफ. रही है। उन्होंने बताया कि पानी के ट्रांस-बेसिन हस्तांतरण को सिर्फ अतिरिक्त उपलब्बधता के आधार पर ही आज्ञा दी जा सकती है परन्तु आज पंजाब एक कम पानी वाला राज्य है और इसलिए हरियाणा में पानी हस्तांतरित करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।

कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि पंजाब के हितों की रक्षा के लिए और राज्य में उठती हिंसक प्रदर्शनों की हवा को रोकने के मद्देनजर उन्होंने 2004 में किये सभी पानी के समझौते वापस लेने का ठोस फैसला लिया था जिससे पंजाब को जलने से बचाया जा सके। उसके बाद स्थिति और बिगड़ गई थी क्योंकि राज्य के 128 ब्लाॅकों में से 109 को अधिकृत तौर पर ‘डार्क ज़ोन’ घोषित किया गया है। पिघल रहे ग्लेशियरों की तरफ इशारा करते हुउ उन्होंने केंद्र सरकार को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को ध्यान में रखने की अपील की। कैप्टन अमरिन्दर ने चेतावनी देते हुए कहा कि चीन के अपने क्षेत्र में डैम बनाने से स्थिति और बदतर होने की संभावना है, इससे सतलुज नदी में भी पानी की कमी आ जायेगी।

उन्होंने कहा ‘‘अगर हमारे पास यह होता तो मुझे पानी देने में कोई समस्या नहीं थी।’’ उन्होंने कहा कि दक्षिणी हरियाणा के कुछ क्षेत्र पहले की पटियाला एस्टेट का हिस्सा रहे हैं और उनको निजी तौर पर इस क्षेत्र के साथ विशेष प्यार है। मुख्यमंत्री ने पानी एकत्रित करने के लिए हिमाचल प्रदेश में जल भंडारण बांधों के निर्माण सम्बन्धी दिए अपने सुझाव की तरफ ध्यान दिलाते हुए कहा कि ऐसे बांध बनने चाहिएं जिससे पाकिस्तान में पानी के बहाव को रोका जा सके। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को इस सुझाव पर विचार करने की अपील भी की। केंद्रीय मंत्री का विचार था कि एस.वाई.एल. को मुकम्मल किया जा सकता है और सिंचाई के लिए तैयार रखा जा सकता है जबकि पानी के बंटवारे पर विचार-विमर्श जारी रहे और अंतिम फार्मूले का फैसला बाद में लिया जाये।

You may also like

Leave a Comment

NewZdex is an online platform to read new , National and international news will be avavible at news portal

Edtior's Picks

Latest Articles

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00