न्यूज डेक्स संवाददाता
उचाना। खटकड़ टोल प्लाजा पर किसानों के धरने पर मंगलवार रात खटकड़ गांव के किसान सतपाल ने जहरीला पदार्थ निगल कर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर उचाना थाना पुलिस मौके पर पहुंची। टोल पर मौजूद किसान नेताओं का कहना था कि सरकार तीन काले कृषि कानूनों को रद्द नहीं कर रही है। जिसके चलते मृतक सरकार के इस रवैये से आहत था। तीन कृषि काले कानूनों के विरोध में खटकड़ टोल पर किसानों द्वारा लगातार धरना दिया जा रहा है।
मंगलवार रात को गांव खटकड़ निवासी सतपाल (55) ने जहरीला पदार्थ निगल कर आत्महत्या कर ली। घटना का उस समय पता चला जब पाला काफी समय तक नहीं उठा। किसान जब मौके पर पहुंचे तो वह मृत पड़ा था और उसके पास ही जहरीले पदार्थ की बोतल पड़ी थी। मृतक सतपाल आंदोलनरत किसानों की सेवा में पिछले छह माह से जुटा था और उनके लिए चाय बनाता था। किसानों ने पाला द्वारा आत्महत्या करने की सूचना उचाना थाना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर उचाना थाना पुलिस मौके पर पहुंची।
किसान नेता सतबीर पहलवान, आजाद पालवां ने कहा कि सतपाल इस बात से नाराज था कि सरकार तीन कृषि कानून रद्द करने के लिए कुछ नहीं कर रही है। इसे लेकर वह मानसिक रूप से परेशान भी था। कुछ किसान सोमवार को दिल्ली आंदोलन में धरने के लिए गए थे। जब उन्होंने वापस आकर सरकार के किसानों के प्रति रवैये के बारे में बताया तो सतपाल और परेशान हो गया। मंगलवार रात को इसी परेशानी के चलते उसने जहरीला पदार्थ निगल कर आत्महत्या कर ली।
उन्होंने कहा कि किसान लगभग सात महीनों से तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे है लेकिन सरकार इन कानूनों को रद्द करने के लिए कुछ नहीं कर रही है। आंदोलन को कैसे तोड़ा जाए इस तरफ सरकार का ध्यान है। सरकार को चाहिए कि आंदोलन को तोडऩे के लिए नहीं बल्कि किसानों की जो मांग है उनको पूरा करने की तरफ ध्यान दे। आंदोलन अब टूटने की बजाए मजबूत होता जा रहा है।