न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं सीजेएम दुष्यंत चौधरी ने कहा कि डीएलएसए द्वारा विक्टिम ऑफ एसिड पर एक वेबीनार का आयोजन किया गया। इस वेबीनार में पैनल के अधिवक्ता, स्कूलों के प्रिंसीपल, आंगनवाड़ी, सुपरवाईजर, पीएलवी और सक्षम युवाओं द्वारा भाग लिया गया। सीजेएम दुष्यंत चौधरी ने वेबीनार के माध्यम से बातचीत करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में लड़कियों और औरतों पर एसिड अटैक जैसी भयानक वारदातों वजह से कई लड़कियों और महिलाओं की जान जा चुकी है। उनकी जिंदगी बर्बाद हो चुकी है।
बहुत सारी लड़कियां और महिलाएं आज समाज से छिपकर जीवन यापन करने को मजबूर है। सीजेएम ने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने और दोषियों को सजा दिलवाने के लिए कई कानून बनाए गए है। उन्होंने कहा कि 2005 की सुप्रीम कोर्ट की गाईडलाईंस लक्ष्मी के केस में इससे पहले आईपीसी में एसिड अटैक का कोई प्रोविजन नहीं था। परंतु इस केस के बाद ही आईपीसी की धारा 306ए, 306बी भी शामिल किए गए है। अब एसिड अटैक करना एक कानूनी अपराध है। तेजाब से जलने से पीडि़त जो विक्टिम होते है, उनकी मार्मिक दशा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जो तेजाब पीडि़त होते है उन्हें शारीरिक और मानसिक रुप से बहुत पीड़ा होती है, तेजाब पीडि़त की पीड़ा असहनीय होती है।