न्यूज डेक्स राजस्थान
जयपुर। संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने संस्कृत शिक्षा में लम्बित भर्तियों को शीघ्र पूर्ण करने निर्देश दिए हैं। उन्होंने संस्कृत शिक्षा विभाग में डीपीसी के माध्यम से जल्दी से जल्दी पदोन्नति किए जाने तथा वैदिक संस्कार एवं शिक्षा बोर्ड की स्थापना के लिए वेबिनार का आयोजन करने के निर्देश दिए। उन्होंने जगतगुरू रामानंद आचार्य संस्कृत विश्ववविद्यालय में तथा संस्कृत शिक्षा निदेशालय में जनसम्पर्क अधिकारी के एक-एक पद सृजित करवाने के निर्देश दिए।
संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री ने बजट घोषणा 2019-20 के अनुसार वैदिक संस्कार एवं शिक्षा बोर्ड के गठन के ड्राफ्ट पर चर्चा की। उन्होंने शीघ्र ही वेबिनार आयोजित कर विषय विशेषज्ञों से वैदिक संस्कार एवं शिक्षा बोर्ड के गठन हेतु सुझाव लिये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि वैदिक संस्कार एवं शिक्षा बोर्ड की स्थापना के लिए आयोजित होने वाली वेबिनार में देश के विभिन्न विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाए। वेबिनार में निर्णय लिया जाए कि वैदिक संस्कार एवं शिक्षा बोर्ड का स्वरूप क्या होगा, कैसे होगा उसकी कार्यप्रणाली क्या होगी और उनमें किन-किन कोर्स को शामिल किया जाएगा।
डॉ. गर्ग ने संस्कृत कॉलेज या विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष व द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रमोट करने तथा अंतिम वर्ष की परीक्षा से सम्बन्धित प्रक्रिया का अनुमोदन करवाने के अधिकारियों को निर्देश दिए। साथ ही संस्कृत शिक्षा के शाला दर्पण को शीघ्र ही पूरा करके पूरे सिस्टम को ऑनलाइन करने के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षकों की वेतन आदि से सम्बधित समस्याओं एवं नियुक्तियों से सम्बधित समस्याओं का शीघ्रता से निस्तारण करने के निर्देेश दिए। इसके साथ ही सातवें पे कमीशन की कार्यवाही शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं।
डॉ. गर्ग ने बजट घोषणा 2021-22 में 25 करोड़ की लागत से बनने वाली वेद विद्यापीठ की स्थापना के लिए सुझाव देने हुेतु एक कमेटी बनाने के निर्देश प्रदान किए। उन्होंने राजस्थान संस्कृत महाविद्यालय सेवा नियम 2021 का प्रशासनिक अनुमोदन करने के साथ ही लम्बित भर्तियों को शीघ्र करने के निर्देश दिए। जिसके अन्तर्गत आरपीएससी से चयनित 264 स्कूल व्याख्याताओं की भर्ती प्रक्रिया को एक महीने के अन्दर पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने वित्त विभाग द्वारा संस्कृत शिक्षा में स्वीकृत किए गए थर्ड ग्रेड के 1777 पदों को रीट के माध्यम से भरने की निर्देश भी प्रदान किए।
समीक्षा बैठक में डॉ. गर्ग ने निर्देश देते हुए कहा कि जिन संस्कृत प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन शून्य है उनके बारे में अग्रिम निर्णय हेतु राज्य सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किए जाए। उन्होंने ऎसे संस्कृत स्कूल एवं महाविद्यालय जिनके स्वयं के भूमि अथवा भवन नहीं है उन्हें भूमि एवं भवन हेतु प्रस्ताव बनाकर सरकार को भिजवाएं जाने के निर्देश दिए। साथ ही ऎसे संस्कृत स्कूल एवं महाविद्यालय जिनके भवन जीर्ण क्षीण अवस्था में हैं उनकी मरम्मत के लिए यथाशीघ्र प्रस्ताव बनाकर भिजवाने के निर्देश दिए।
समीक्षा बैठक में संस्कृत शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव आर.एन. शर्मा, संस्कृत शिक्षा निदेशक दीर्घराम रामस्नेही, संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुरेन्द्र सिंह यादव तथा वित्त नियंत्रक उम्मेद सिंह एवं संस्कृत शिक्षा विभाग के लेखा अधिकारी पवन कुमार उपस्थित रहें।