Friday, November 22, 2024
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बायोमेडिकल क्षेत्र में डाटा नेटवर्क सेंसर की आवश्यकता :-प्रो. पटनायक

by Newz Dex
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डेटा नेटवर्किंग तंत्र को अधिक मजबूत करें इंजीनियर :-प्रो. सोमनाथ सचदेवा

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय  के यूआईईटी संस्थान द्वारा किया गया तीसरे ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय  में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार  व टीक्यूप-3 के साथ विश्व प्रसिद्ध प्रकाशन स्प्रिंगर के सौजन्य से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूआईईटी संस्थान द्वारा मोबाइल रेडियो संचार और 5जी नेटवर्क पर बुधवार को तीसरा ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एमआरसीएन 2021 आयोजित किया गया । 

इस मौके पर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान चंडीगढ़ के निदेशक प्रो. श्यामसुंदर पटनायक ने कहा की यह तकनीक समय की बहुत ही आवश्यकताओं को पूरा करने वाली है । इस विषय में शोधार्थियों को चाहिए कि आईओटी के माध्यम से डाटा और सेंसर को कनेक्ट करके मानवीय जीवन के लिए कार्य करें। जिन मरीजों में ब्रेन डेड हो जाता है या आवाज चली जाती है उसके अंदर सेंसर डाटा का प्रयोग करके ऐसी तकनीक विकसित करें जिसे इस क्षेत्र में समाज को अधिक से अधिक फायदा हो सके। उन्होंने कहा कि समय के साथ आने वाली चुनौतियों पर शोध जरूरी है। 

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर में अंतरराष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला को आयोजित करना बहुत ही सराहनीय कार्य है । इसके लिए उन्होंने आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने मोबाइल रेडियो संचार और 5जी नेटवर्क पर बोलते हुए कहा कि आज नेटवर्क के क्षेत्र में हमें विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। नेटवर्क डाटा की सुरक्षा को लेकर कई बार परेशानी भी झेलनी पड़ती है । इसलिए ऐसी कार्यशालाओ के आयोजन से इससे जुड़ी विभिन्न प्रकार की तकनीक की जानकारी हासिल हो जाती है इसका फायदा समाज को मिलता है। 

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के तकनीकी शोध छात्रों व फैकल्टी को चाहिए कि वह डाटा नेटवर्क के क्षेत्र को अधिक मजबूत बनाने के लिए उसके सुरक्षा तंत्र पर अधिक से अधिक शोध करें ताकि  हमारा डाटा सुरक्षित रहे क्योकि यह डाटा हमारे भविष्य का तेल है इसकी सुरक्षा करना बहुत ही जरूरी है। शोधार्थियो को क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा शोध के महत्व को समझना  चाहिये ताकि हमारा डाटा नेटवर्क ज्यादा से ज्यादा मजबूत हो। 

कार्यशाला के विशेष मेहमान प्रा.े दिनेश कांत कुमार, आरएमआइटी विश्वविद्यालय मेलबर्न ने स्मार्टफोन पर आधारित न्यूरोडीजेनरेटिव रोग पर अपने विचार सांझा किए। इनके साथ एक और विशेष मेहमान प्रो. शाहराम डस्टडर कम्प्यूटर साइंस और टीयू वियन ऑस्ट्रिया डिस्ट्रीब्यूटेड सिस्टम हेड रिसर्च डिवीजन ने कार्यशाला के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए एज इंटेलिजेंस पर बात रखी व एज, फ़ाग और क्लाउड के अभिसरण को समझाया। 

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डीन इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी निदेशक यूआईटी प्रो. सीसी त्रिपाठी ने सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए संस्थान की कार्यप्रणाली और रूपरेखा को प्रस्तुत  किया। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में हेल्थ केयर प्रौद्योगिकी में नवीनतम प्रगति को डिजाइन करने के लिए शामिल शोधकर्ताओं को ओर अधिक गति प्रदान करेगा। प्रो. त्रिपाठी ने दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला के बारे में प्रतिभागियों को अवगत कराया। प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि विश्वविद्यालय के साथ संस्थान की गुणात्मक कार्यशैली के कारण इतने बड़े आयोजन सफल होते हैं । 

कार्यशाला के सचिव डॉ. निखिल मारीवाला ने बताया कि विषय से संबंधित 250 शोध पत्र आमंत्रित किए गए जिनमें से 49 का चयन किया गया है जिनका स्प्रिंगर में प्रकाशन होगा जो कार्यशाला के विभिन्न चरण के माध्यम से प्रस्तुत किए जाएंगे। डॉ. मारीवाला ने बताया सम्मेलन में सेल्यूलर सिस्टम 2जी, 2.5 जी, 3 जी, 4जी ,5जी और इससे आगे के क्षेत्र में काम कर रहे शिक्षकों, शोधार्थियों और डेवेल्पर्स की सेवा करने के लिए है । एलटीई, संज्ञात्मक रेडियो नेटवर्क और उनके अनुप्रयोग ग्रीन वायरलेस नेटवर्क को शामिल किया गया है।

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