न्यूज डेक्स पंजाब
चंडीगढ़। पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला के नेतृत्व में सरकारी स्कूलों द्वारा लगातार नये से नया मील का पत्थर स्थापित किया जा रहा है। अब राष्ट्रीय स्तर के ‘रिस्पाँसीबल आर्टिफिशियल इंटेंलीजेंस’ प्रोग्राम के लिए सरकारी स्कूलों के 18 विद्यार्थियों का चयन हुआ है। भारत सरकार ने इस प्रोग्राम को सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को पूर्ण तौर पर कार्यकुशल बनने के अवसर प्रदान करने के लिए बनाया है।
इस प्रोग्राम के लिए 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में से नामांकित हुए 53782 विद्यार्थियों में से सिर्फ़ 125 विद्यार्थी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रशिक्षण के लिए चुने गए हैं। इन 125 विद्यार्थियों में से 18 विद्यार्थी पंजाब से संबंधित हैं। इन विद्यार्थियों में कशिश सोढा सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल (लड़के) मलोट, गुरमीत सिंह सससस बाजेवाला, शरणप्रीत सिंह सससस बाजेवाला, ज्योति रानी सससस अमलोह, डिम्पल धीमान सससस दुनेरा, वैशाली शर्मा सससस दुनेरा, भावना सससस धीरा, गगनजोत कौर सससस बुग्गा कलाँ, गुरकीरत सिंह सससस बुग्गा कलाँ, पलक सससस टांडा उड़मुड़, अंकिता सससस टांडा उड़मुड़, यासमीन सससस मुल्लेपुर, नितिन शर्मा सरकारी हाई स्कूल (स ह स) मुलांपुर कलाँ, मनप्रीत कौर स ह स टलांणियां, युगराज सिंह स ह स टलांणियां सुखनैब सिंह सससस झुम्बा, सुखचैन सिंह सससस झुम्बा और मनप्रीत कौर सससस जल्ला शामिल हैं।
ये विद्यार्थी आठवीं से लेकर बारहवीं कक्षा तक के हैं। यह प्रशिक्षण तीन चरणों में होगा। पहले चरण में दिए गए ऑनलाइन फॉरमैट के अनुसार तैयार किये गए मॉडलों की वीडियो जमा करवाने के लिए अध्यापकों और विद्यार्थियों का ओरिएन्टेशन और ऑनलाइन प्रशिक्षण सैशन होगा। दूसरे चरण में सर्वोत्तम 100 वीडीयोज़ शॉर्टलिस्ट किए जाएंगे और संबंधित विद्यार्थी अपने विस्तृत प्रशिक्षण की शुरुआत करेंगे।
इस सैशन के बाद वह अपने मॉडलों पर दोबारा स्टडी करके अंतिम रूप में अपने मॉडल की वर्किंग वीडियो प्रोग्राम की वैबसाईट पर जमा करवाएंगे। अंतिम चरण में इन मॉडलों में से सर्वोत्तम 50 मॉडल चुने जाएंगे और इनसे संबंधित विद्यार्थी ऑनलाइन अपने मॉडलों की कार्यकुशलता का प्रदर्शन करेंगे। इन 50 मॉडलों में से 20 सर्वश्रेष्ठ मॉडलों को विजेता करार दिया जायेगा।
शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने राष्ट्रीय स्तर के इस प्रोग्राम के लिए चुने गए विद्यार्थियों, उनके अध्यापकों और माता-पिता को बधाई दी है। इस मौके पर स्कूल शिक्षा सचिव श्री कृष्ण कुमार ने बताया कि इस प्रोग्राम को भारत सरकार और इंटेल इंडिया के साझे प्रयासों स्वरूप इलेक्ट्रॉनिक और इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय अधीन राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीज़न द्वारा लांच किया गया है।
इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की शख़्सियत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सम्बन्धी कार्यकुशलता की कमियों को दूर करके और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कौशलों को निपुणता के स्तर पर विकसित करना है जिससे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी भविष्य में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नये-नये माध्यमों का निर्माण करने और इनका सही प्रयोग करने के योग्य बन सकें।