.गौतम कुमार प्राप्त कर चुका है 7 गोल्ड, 10 सिल्वर व 4 ब्रांज मेडल
.अनदेखी का दंश झेल रहा है जामनी गांव का कराटे चैम्पियन गौतम कुमार
. गौतम कुमार ने सरकार से की कराटे प्रतियोगिता की सूध लेने की मांग
न्यूज डेक्स संवाददाता
सफीदों। हरियाणा के ग्रामीण युवाओं में टैलेंट की कोई कमी नहीं है लेकिन कई बार उनके टैलेंट के पहचानने के सार्थक प्रयास होते दिखाई नहीं देते। सोशल मीडिया पर इंटरनेशनल लेवल के खिलाडिय़ों की दुर्दशा अक्सर सामने आती रहती है। इसी कड़ी में उपमंडल सफीदों के गांव जामनी के एक कराटे चैंपियन युवक गौतम कुमार का दर्द भी सामने आया है। यह युवक 7 बार गोल्ड, 10 बार सिल्वर व 4 बार ब्रांज मेडलिस्ट है। इसके अलावा उसके पास अलग-अलग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लगभग 70 से अधिक अचीवमेंट सर्टिफिकेट है लेकिन प्रशासन व सरकार द्वारा इस तरह के खिलाड़ी की कोई सुध नहीं ली जा रही है।
2012 कराटे चैंपियन गौतम ने पहली बार कोलकाता में नेशनल लेवल पर गोल्ड व दूसरी बार नेशनल लेवल गोल्ड 2020 जोधपुर में प्राप्त किया था। उसने बताया कि पंच मारने का वल्र्ड रिकॉर्ड एक मिनट में 327 बार है। उसने 1 मिनट में 407 बार पंच मारे हैं और इस बारे में में वह वल्र्ड रिकॉर्ड में अपना दावा ठोकने जा रहा है। गौतम को 4 डिग्री ब्लैक बेल्ट ऑस्ट्रेलिया से प्राप्त है और दो बार इंटरनेशनल गोल्ड मेडलिस्ट है।
गौतम कुमार ग्रामीण पृष्ठभूमि में रहते हुए भी बीए व जेबीटी शिक्षा प्राप्त है। गौतम पुलिस की ट्रेनिंग में भी कराटे में हाथ आजमाया है। 72 नेशनल व 5 इंटरनेशनल लेवल की प्रतियोगिताओं में भाग लेकर उसने सफीदों हलके व गांव का नाम देश व विदेश में रोशन किया है। इस सबके बावजूद भी सरकार द्वारा उसे कोई सुविधा प्रदान नहीं की गई है। गौतम का कहना है कि कराटे ओलंपिक गेम है लेकिन सरकार का इस तरफ कोई ध्यान ही नहीं है।
गौतम कुमार ने सरकार से अनुरोध किया कि कराटे की ओर अपना ध्यान दे और इस प्रतियोगिता के बहुत से खिलाड़ी देश का नाम विश्व स्तर पर चमका सकते हैं। कराटे के खिलाडिय़ों को भी अन्य खिलाडिय़ों की भांति सुविधाएं प्रदान करे ताकि वे भी बेहतरीन प्रदर्शन कर सकें।