भारत वर्ष तो केवल गुणों और कर्मों का उपासक है – डा. विजय दत्त
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 21 अगस्त। धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के विख्यात प्रेरणा वृद्धाश्रम में विश्व वृद्ध दिवस पर नजारा ही अलग था। वृद्धाश्रम में अन्य त्यौहारों की भांति ही विश्व वृद्ध दिवस के अवसर पर भारतीय संस्कृति के अनुसार बुजुर्गों का सम्मान किया गया तथा उनका आशीर्वादलिया गया। इस मौके पर आश्रम में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से सेवानिवृत वयोवृद्ध वरिष्ठ बुद्धिजीवी एवं आध्यात्मिक समाजसेवी प्रो. हिम्मत सिंह सिन्हा तथा हरियाणा ग्रंथ अकादमी के सेवानिवृत निदेशक डा. विजय दत्त शर्मा का आश्रम में भव्य स्वागत किया गया।
सर्वप्रथम आश्रम में बने शहीदी स्मारक पर देश के लिए शहादत देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई और उसके उपरांत आश्रम में भारतीय संस्कृति के अनुसार बुजुर्गों को पगड़ी बांधकर व तिलक लगाकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर जयभगवान सिंगला के साथ प्रेरणा के सभी सदस्यों व पदाधिकारियों ने बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया गया। सिंगला ने कहाकि भारतीय संस्कृति में प्रमुख उत्सव वृद्धों एवं बुजुर्गों का सम्मान करना है जो आज प्रेरणा वृद्धाश्रम में मना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज हम आश्रम एक ऐसी हस्ती डा. हिम्मत सिंह सिन्हा का आश्रम में सम्मान कर रहे हैं जिनका नाम इतना ऊँचा है कि आश्रम भी उनके सामने छोटा है। डा. सिन्हा वो विभूति हैं जो सरल स्वभाव के विद्वान, आध्यात्मिक, धार्मिक व कई भाषाओं के ज्ञाता हैं और शिक्षा के क्षेत्र में अनेकों डिग्रियां हासिल की हैं कि उन पर कुरुक्षेत्र ही नहीं हरियाणा भी गर्व करता है। डा. सिन्हा के समक्ष आज के दिन आश्रम में सभी नतमस्तक हो रहे हैं। सिंगला ने बताया कि इसी के साथ हरियाणा ग्रंथ अकादमी के निदेशक रहे डा. विजय दत्त शर्मा को भी आश्रम में सम्मानित किया गया।
उन्होंने कहाकि आज आश्रम सभी को बुजुर्गों का सम्मान कर बहुत अधिक ख़ुशी की प्राप्ति हुई है। डा. हिम्मत सिंह सिन्हा ने कहाकि आज उनके लिए बहुत ही ख़ुशी है और साथ ही आश्चर्य है कि हरियाणा के सबसे बड़े चावल व्यवसायी एवं उद्योगपति जयभगवान सिंगला समाजसेवा ही नहीं कर रहे बल्कि अपनों से ठुकराए बुजुर्गों की प्रेरणा वृद्धाश्रम में सेवा कर रहे हैं। यह बड़ा ही आश्चर्य है कि सिंगला बड़ा व्यापार चलाते हुए सेवा के लिए समय कैसे निकालते हैं। उन्होंने कहाकि देश के प्रमुख व्यवसायी पर माँ ज्वाला जी की कृपा बरस रही है।
डा. सिन्हा ने कहाकि आज ऐसे व्यक्ति के हाथों उन्हें सम्मान मिल रहा है। डा. विजय दत्त शर्मा जैसे प्रमुख विद्वान की मौजूदगी में सस्मानित होना भी जीवन की बहुत बड़ी उपलब्धि है। डा. विजय दत्त शर्मा ने कहाकि भारत वर्ष न तो समय का उपासक है और न ही काया का उपासक है। भारत वर्ष तो केवल गुणों और कर्मों का उपासक है। आज का जीवन दूसरों की सेवा में ही सार्थक है। डा. शर्मा ने कहाकि इस बात का प्रेरणा आश्रम विशेष प्रमाण है। इस अवसर पर आशा सिंगला, डा. मधु मल्होत्रा, ममता सूद, हरबंस कौर, हरकेश पिपासा, सुनील कुमार व नगर के गणमान्य नागरिकों के इलावा प्रेरणा वृद्धाश्रम के सभी बुजुर्ग भी मौजूद थे।