कुछ तो बात है,अशोक खेमका में यों ही हर बार सुर्खियों में नहीं आते
न्यूज डेक्स संवाददाता
हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अशोक खेमका के ट्वीट में राजस्थान की राजनीतिक हलचल निशाने पर है। वैसे खेमका का पुराना इतिहास ये रहा है कि वे जिस विभाग में गये, वहां भ्रष्टाचार के खेल को उजागर कर उन्होंने सत्तारूढ़ दलों की आंखों से नींद और चैन दोनों छीने। हालांकि इसका खामियाजा उन्होंने तीन दशक से कम के कार्यकाल में करीब चार दर्जन तबादलों से झेला। खैर इससे इतर ताजा खबर ये है कि हरियाणा के इस बहुचर्चित आईएएस ने पड़ौसी प्रांत राजस्थान में पिछले कई दिनों से चल रही सियासत पर एक ट्वीट मिसाइल छोड़ी हैं। अपने चिरपरिचित अंदाज में खेमका ने बगैर किसी नाम के निशाना साधा है। खेमका ने ट्वीट में लिखा है कि खरीद-फरोख्त जनता की सेवा के लिए तो नहीं होती, ऐसा जो करते हैं, वे किन सिद्धांतों का झंडा ऊंचा करते है
जाहिर है कि पिछले कई दिनों से राजस्थान की सियासी जंग पूरे देश में चर्चा का विषय बनकर नेशनल मीडिया में छायी हुई है। कुछ दिन पहले विधायकों की खरीद फरोख्त से संबंधित तथाकथित ऑडियो भी सामने आ चुके है। कोर्ट और महामहिम राज्यपाल के दरवाजों पर दस्तक दी जा चुकी है। नैतिकता की दुहाई दी जा रही है। कहीं अनैतिक ढंग से लोकतंत्र को मटियामेट करने के आरोप लग रहे हैं। जनता भी इस रस्साकसी का आनंद ले रही है। साथ ही सवाल भी दागे जा रहे हैं। वहीं इस परिदृश्य के बीच खेमका का ट्वीट अलग से सुर्खियां बटौर रहा है। इन हालात में खेमका का ट्वीट भले किसी डूबते के लिये तिनके के सहारे जैसा प्रतीत हो रहा हो,मगर ये तय है कि खेमका का निशाना किसी को सहारा और किसी को गिराने पर नहीं,बल्कि उस सिद्धांत का स्मरण करा रहा है,जिसकी दुहाई देकर कई लोग अपनी किस्मत का सितारा बुलंद कर चुके हैं। जगह जाहिर है कि हरियाणा में 2005 से 2014 तक कांग्रेस की भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में खेमका का स्थानांतरण करीब दो दर्जन बार हुआ था,जबकि मौजूदा सरकार में भी आधा दर्जन से ज्यादा बार हो चुका है। यानी सत्ता का प्रसाद चखने के लिये तमाम तरह की जुगलबंदी और सिद्धांतों को तिलांजली देने वालों से खेमका भी वो शख्स हैं,जिसे कहा जा सकता है कि बंदे में है दम…।