हरियाणा में रोज सामने आ रहे हैं दलित उत्पीड़न और जातीय प्रताड़ना के मामले – एडवोकेट नरेश कुमार नागवंशी
न्यूज डेक्स संवाददाता
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा दिए गए बयान कि प्रदेश में दलित उत्पीड़न की घटनाएं कम हुई है पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आल इंडिया फेडरेशन फॉर सोशल जस्टिस के संयोजक एडवोकेट नरेश कुमार नागवंशी ने कहा है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का यह बयान वास्तविक तथ्यों पर आधारित नहीं हैं कि हरियाणा में दलित उत्पीड़न के मामलों में कोई वृद्धि नहीं हुई।
नागवंशी ने कहा कि जबकि हरियाणा में सबसे ज्यादा दलित उत्पीड़न और जातीय प्रताड़ना के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में एक प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा इस प्रकार का बयान दिया जाना कतई गलत है और तथ्यों पर आधारित नहीं है। उनके बयान से यह साफ दिखाई देता है कि हरियाणा की सरकार दलितों की सुरक्षा और अधिकारों के प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं है और न ही प्रदेश में दलितों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठा रही है नागवंशी ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस रवैये से हरियाणा के दलितों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में दलित उत्पीड़न के मामलों में पुलिस एफआईआर दर्ज करना तो दूर मित्र कक्ष में शिकायत दर्ज कराने के बाद भी महीनों तक पुलिस द्वारा पीड़ित के मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा में तो हालात इतने चिंताजनक है कि हत्या जैसे मामलों में परिजनों द्वारा शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन करने पर ही पुलिस कार्रवाई करती हैं। प्रदेश में रोज हो रही दलित उत्पीड़न की घटनाओं में दलित संगठनों के आक्रोश, प्रयासों और रोष प्रदर्शन करने पर ही एफआईआर दर्ज की जाती है।
मामला सही पाए जाने पर भी पुलिस द्वारा एससी-एसटी एक्ट नहीं लगाया जाता। उन्होंने कहा कि दलित उत्पीड़न की खबरें रोज देखने, सुनने और पढ़ने को मिलती है जो दर्शाती हैं कि हरियाणा में दलित समाज उत्पीड़न का शिकार हो रहा है और हर रोज घटनाएं घट रही है फिर भी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल किस लिहाज से यह कह रहे हैं कि हरियाणा में दलित उत्पीड़न के मामलों में कमी आई है। नागवंशी ने कहा कि यदि वास्तव में खट्टर सरकार को दलितों की चिंता है या दलितों की स्थिति में सुधार लाना चाहती है तो प्रदेश के संसाधनों में दलितों की आर्थिक हिस्सेदारी को सुनिश्चित करते हुए कोई ठोस नीति बनाकर उसको धरातल पर लागू करे।