*अपने पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को सत्ता में हिस्सेदारी से रखा दूर : अरोड़ा
*तीन मनोनीत पार्षद और मार्केट कमेटी के चेयरमैन का पद दिया गैर भाजपाइयों को : अशोक अरोड़ा
*थानेसर में भाजपा के समानांतर चल रही है, विधायक सुभाष सुधा की भाजपा : पूर्व मंत्री
*1995 से आज तक पांच वर्षों को छोड़ थानेसर नगर परिषद पर विधायक सुधा का परिवार काबिज
*अरोड़ा का दावा, बेशक आजाद लडाना पडे अपने परिवार से नप अध्यक्षा के लिए चुनाव लडाएंगें सुधा
*थानेसर में भाजपाई वो जो भरे सुधा परिवार की हाजिरी : अशोक अरोड़ा
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। संस्कार, संगठन और कैडर बेस पार्टी का दावा करने वाली भाजपा बुरे दिनों में पार्टी का झंडा बुलंद करने वाले कार्यकर्ताओं को भुला चुकी है और दूसरे दलों के मौकापरस्तों को लाभ देने में लगी है। अगले दिनों में होने वाले थानेसर नगर परिषद अध्यक्षा पद के लिए कांग्रेस का चेहरा कौन होगा? इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक अरोड़ा ने कहा कि हम दावे से कह सकते हैं कि इस पद पर कोई कांग्रेसी ही चुनाव मैदान में उतारा जाएगा, मगर एक बार थानेसर के विधायक सुभाष सुधा से भी जाकर पूछ लो कि इस चुनाव में भाजपा का उम्मीदवार कौन होगा? मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए अशोक अरोड़ा ने कहा कि भाजपा को चाहिए कि वह अपने पुराने कार्यकर्ताओं के परिवारों से भी किसी महिला को नगर परिषद के अध्यक्ष पद हेतु चुनाव मैदान में उतारे, क्योंकि बुरे वक्त में भाजपा के इन निष्ठावान कार्यकर्ताओं ने ही भाजपा का साथ दिया था। थानेसर में तो वही भाजपा कार्यकर्ता है जो विधायक के परिवार की हाजिरी भरे।
अरोड़ा ने कहा कि जब हरियाणा में भाजपा का कोई अस्तित्व नही था और न ही भाजपा की टिकट लेने वाला था ऐसे बुरे वक्त में कृष्ण बजाज को भाजपा ने विधानसभा का चुनाव लडाया लेकिन अब सत्ता में आने पर पार्टी की ओर से उनकी घोर उपेक्षा की जा रही है। पार्टी को चाहिए कि कृष्ण बजाज की धर्मपत्नी, जोकि एक सुशिक्षित महिला है, उन्हें भी नगर परिषद के अध्यक्ष पद हेतु चुनाव लडने का मौका दे। इसी प्रकार भाजपा के पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष एवं पूर्व जिलाध्यक्ष रह चुके चंद्रभान गुप्ता तथा जितेंद्र अग्रवाल जैसे वरिष्ठ भाजपाइयों के परिवारों की महिलाओं को भी इस बार मौका दिया जाना चाहिए।
अरोड़ा ने कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार द्वारा परिषद में तीन नगर पार्षद मनोनीत किए गए थे, उन तीनों का भाजपा से कभी कोई वास्ता नहीं रहा। इसी प्रकार मार्केट कमेटी थानेसर के चेयरमैन पद पर भी ऐसे व्यक्ति को बैठाया गया, जिसका दूर दूर तक कभी भाजपा से वास्ता नहीं रहा और भाजपा के लिए इससे बुरा क्या होगा कि जिस व्यक्ति को उन्होंने मार्केट कमेटी का चेयरमैन बनाया था, उसने तो भाजपा को वोट भी नहीं दी थी। दु:खद तो तब हुआ जब वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रभान गुप्ता को ऐसे व्यक्ति के नीचे वाइस चेयरमैन बनाकर अपमानित करने का काम किया गया।
उन्होंने कहा कि थानेसर में इस समय भाजपा संगठन के समानांतर अलग से विधायक की भाजपा चल रही है, इसकी चर्चा विपक्षी दल ही नहीं, बल्कि भाजपा के नेताओं के मुंह से भी सरेआम सुनी जाती है। उन्होंने कहा कि इस कारण से थानेसर के पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ताओं में गहरा रोष है। अरोड़ा ने कहा कि इस बार थानेसर नगर परिषद के अध्यक्ष पद के चुनाव में उम्मीदवारी घोषणा के समय यहां भाजपा के पुराने नेताओं का दबा गुस्सा विस्फोट कर सकता है, क्योंकि 1995 से लेकर आज तक सिर्फ पांच वर्ष का कार्यकाल अगर छोड़ दें तो थानेसर नगर परिषद पर सिर्फ सुभाष सुधा और उनकी धर्मपत्नी उमा सुधा का ही कब्जा रहा है।
अरोड़ा ने कहा कि अब नप अध्यक्ष के चुनाव सिर पर हैं और इस बार भी सुधा अपनी धर्मपत्नी को ही उम्मीदवारी तय कर चुके हैं। उन्होने कहा कि एक ओर तो भाजपा के नेता दूसरे दलों पर परिवारवाद का आरोप लगाते हैं लेकिन स्वयं परिवारवाद से बाहर नही निकल रहे। यही कारण है कि जो थानेसर की जनता पिपली-थर्ड गेट रोड की वजह से पिछले कई सालों से परेशान है, उसे लेकर अचानक विधायक सुभाष सुधा सक्रिए हुए हैं और अपनी नाकामी छुपाने के लिए अधिकारियों को डांट फटकार और चेतावनियों की नौटंकी कर रहे हैं, ताकि थानेसर की जनता एक बार फिर इनके जाल में फंस जाए,मगर इस बार थानेसर के नागरिक सुधा परिवार को चलता करने का मन बना चुके हैं। अरोड़ा ने दावा किया कि बेशक आजाद चुनाव लडाना पडे लेकिन विधायक सुधा अपने परिवार से किसी महिला को नप अध्यक्षा का चुनाव जरूर लडाएंगें। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस के संगठन सचिव सुभाष पाली, सुभाष मिर्जापुर सहित अन्य उपस्थित थे।