सरस्वती रिवर फ्रंट को 3 फेज में किया जाएगा विकसित
रिवर फ्रंट में पर्यटकों के लिए बोटिंग का होगा प्रावधान
पवित्र सरस्वती नदी के इस चैनल में लोगों की धार्मिक भावनाओं का भी रखा जाएगा ध्यान
शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल ने पिपली सरस्वती चैनल स्थल का किया औचक निरीक्षण
बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह कर रहे है इस स्थल को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने के प्रयास
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र।हरियाणा के शिक्षा, पर्यटन एवं वन मंत्री कंवरपाल ने कहा कि पिपली में सरस्वती चैनल को सरस्वती रिवर फ्रंट पर्यटन स्थल के रुप में विकसित किया जाएगा। इस स्थल को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने की योजना तैयार कर ली गई है। इस योजना को 3 फेज में अमलीजामा पहनाया जाएगा। इस स्थल पर पहले फेज में पर्यटकों के लिए दर्शनीय स्थल के रुप में विकसित करने के साथ-साथ बोटिंग चलाई जाएगी। इस योजना को पूरा करने की जिम्मेवारी हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड को सौंपी गई है। इसके लिए बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच मेहनत के साथ कार्य कर रहे है।
शिक्षा मंत्री कंवरपाल शुक्रवार को पिपली में सरस्वती चैनल स्थल का औचक निरीक्षण करने के दौरान अधिकारियों से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले शिक्षा मंत्री कंवरपाल, सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच, उपायुक्त मुकुल कुमार ने पिपली सरस्वती चैनल स्थल का अवलोकन किया। इस दौरान बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने पर्यटन मंत्री को पिपली के इस स्थल को विकसित करने की योजना पर विस्तार से प्रकाश डाला और जानकारी दी की बोर्ड की तरफ से पिपली के इस स्थल को सरस्वती रिवर फ्रंट के रुप में विकसित किया जाएगा।
इस स्थल को तीन चरणों में विकसित करने की योजना है। शिक्षा मंत्री ने फीडबैक लेने के बाद कहा कि हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड सरस्वती नदी के जल को फिर से धरातल पर प्रवाहित करने की योजना पर काम कर रहा है। सरकार का प्रयास है कि इस सरस्वती चैनल में 12 महीने पानी की धरा बहती रहे, लेकिन इसमें काफी समय लग जाएगा। इससे पहले सरकार का प्रयास है कि पिपली के इस स्थल को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित किया जाए और यहां पर बोर्ड की तरफ से जल भराव की व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पिपली के इस स्थल को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए 3 चरणों में काम किया जाएगा। पहले चरण में सरस्वती रिवर फ्रंट के रुप में इस स्थल को विकसित किया जाएगा। इसके लिए सबसे पहले पिपली चिडिय़ाघर को पूल के नीचे से सडक़ बनाकर जोड़ा जाएगा और फिर इस जगह पर जल भराव करके बोटिंग चलाई जाएगी और इस क्षेत्र को 600 मीटर तक विकसित किया जाएगा। यहां पर लैंड स्केपिंग और पार्क भी बनाया जाएगा ताकि यह स्थल एक पर्यटन स्थल के रुप में विकसित हो सके।
दूसरे चरण में रिवर फ्रंट को 1 किलोमीटर तक विकसित किया जाएगा और तीसरे चरण में इससे आगे के क्षेत्र को विकसित करने की योजना हरियाण सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तरफ से बनाई गई है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि इस स्थल के साथ लोगों को पर्यटन और धार्मिक भावनाओं के साथ जोड़ा जाए, क्योंकि इस स्थल पर हजारों वर्ष पूर्व पवित्र सरस्वती नदी का बहाव था। पर्यटन मंत्री ने कहा कि सरस्वती नदी की धारा अभी भी जमीन के नीचे बह रही है। इसके लिए वैज्ञानिकों ने भी पुष्टिï कर दी है और नासा ने भी जमीन के नीचे सरस्वती की धारा बहने के प्रमाण दे दिए है।
इतना ही नहीं सरकार के प्रयासों से आदिबद्री और कई अन्य जगहों पर सरस्वती नदी के जल की जांच भी करवाई और इस जल की रिपोर्ट से सरस्वती नदी के बहाव की पुष्टि भी हुई है। बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि इस स्थल को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने के लिए योजना तैयार कर ली है। इस स्थल को सरस्वती रिवर फ्रंट पर्यटन स्थल के रुप में विकसित किया जाएगा। यह कार्य 3 चरणों में होगा। इस योजना के पूरा होने के बाद दिल्ली से पंजाब, हिमाचल, जम्मू कश्मीर जाने वाले हजारों पर्यटकों को यह स्थल अपनी तरफ आकर्षित करेगा। इससे कुरुक्षेत्र के पर्यटन को बढ़ाव मिलेगा। इस मौके पर उपायुक्त मुकुल कुमार, जिला वन अधिकारी रविन्द्र धनखड़, जिला शिक्षा अधिकारी अरुण आश्री, सिंचाई विभाग से उपनिदेशक मुनीष बब्बर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।