Sunday, November 24, 2024
Home haryana ओलंपिक पदक विजेता विजेंदर ने द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए की है बॉक्सिंग कोच राजेश राजौंद के नाम की सिफारिश

ओलंपिक पदक विजेता विजेंदर ने द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए की है बॉक्सिंग कोच राजेश राजौंद के नाम की सिफारिश

by Newz Dex
0 comment

डबल ओलंपियन और अर्जुन पुरस्कार विजेता मुक्केबाज मनोज कुमार और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता मुक्केबाज मुकेश कुमार की सफलता के पीछे राजेश कोच की कड़ी मेहनत का हाथ   

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता और पूर्व मुक्केबाजी राष्ट्रीय कोच और गुरबख्श सिंह संधू के साथ बीजिंग ओलंपिक कांस्य पदक विजेता विजेंदर सिंह और राष्ट्रमंडल खेलों के दोहरे पदक विजेता मनोज कुमार सहित छह ओलंपियनों ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के मुक्केबाजी कोच राजेश कुमार के नाम की सिफारिश देश के सर्वोच्च कोचिंग सम्मान वर्ष 2021 के द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए की है।  दो बार के ओलंपियन और अर्जुन पुरस्कार विजेता मुक्केबाज मनोज कुमार की सफलता के पीछे राजेश  कोच की कड़ी मेहनत का हाथ है। मनोज के अलावा भी उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता और तीन बार के राष्ट्रीय चैंपियन मुकेश कुमार  के निर्माण का भी श्रेय दिया जाता है।उनके अन्य प्रतिष्ठित मुक्केबाजों में सहदेव हुड्डा, मदन, प्रीति, नील कमल, जितेंद्र, मुकेश, नीरज, अशोक, राजेंद्र,शुभम,कशिश,हिमांशी, राकेश और कई अन्य राज्य और राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाजों का नाम आता है।

पूर्व विश्व रजत पदक विजेता स्वीटी बूरा और वर्तमान में एशियाई चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता और दक्षिण एशियाई खेलों के चैंपियन विनोद तंवर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में उनके प्रशिक्षु रहें हैं। जीएस संधू ने बॉक्सिंग कोच राजेश के लिए अपनी सिफारिश में कहा, “वह देश के उन मुख्य कुछ कोचों में से एक हैं, जो जमीनी स्तर पर और उत्कृष्टता के स्तर पर काम कर रहे हैं, वो प्रतिभा की खोज से लेकर विश्व स्तर के मुक्केबाजों के निर्माण तक अपना शत प्रतिशत बॉक्सिंग को बढ़ावा देने के लिये कर रहें है।”  उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मुक्केबाज चैंपियन बनाए हैं और उनके प्रशिक्षुओं ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अनेको बार देश का नाम रोशन किया है। 

जब विजेंदर सिंह ने 2008 बीजिंग खेलों में देश का पहला ओलंपिक पदक जीता था, उस समय बॉक्सिंग टीम के राष्ट्रीय कोच रहें संधू ने खेल मंत्रालय को अपनी सिफारिश में यह भी बताया कि राजेश एक अंतरराष्ट्रीय एआईबीए टू स्टार कोच और 2017 वर्ल्ड बॉक्सिंग सीरीज़ में ब्रिटिश फ्रैंचाइज़ी ‘द ब्रिटिश लायन हार्ट्स’ की बॉक्सिंग टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले भारत के एकमात्र कोच हैं।  राजेश के प्रशिक्षु मनोज ने 2012 लंदन और 2016 रियो ओलंपिक में भाग लिया और नौंवी रैंक लेकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और नई दिल्ली में आयोजित 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता। उनकी आखिरी बड़ी जीत 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक थी।अप्रैल में पोलैंड में आयोजित 2021 AIBA यूथ ​​वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में, उनकी विश्वविद्यालयप्रशिक्षु विंका ने स्वर्ण पदक जीता।  

उन्होंने 2019 एशियन यूथ चैंपियशिप मंगोलिया में भी स्वर्ण पदक जीता था।इसके अलावा भी उन्होंने एक दर्जन से अधिक अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजों का निर्माण किया है। “मुक्केबाजी के क्षेत्र में सफलता हासिल करने के अलावा, मैं राजेश कोच साहब का आभारी हूं कि उन्होंने गरीबी से बाहर निकलने में मेरी मदद की। हम बहुत ही विनम्र और साधारण पृष्ठभूमि से हैं और आज मैं जिस भी जीवन शैली का नेतृत्व कर रहा हूं वह सब बॉक्सिंग की वजह से हूं । मुझे  ही नहीं, कोच साहब ने कई मुक्केबाजों को सरकारी नौकरी दिलाने में मदद की है और इनमें से अधिकांश खिलाड़ी बहुत ही सामान्य परिवार से आते हैं।

मनोज कहते हैं, जिन्हें 2014 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। “मेरे मुक्केबाजी करियर में बहुत ऊतार चढ़ाव रहे है मेरी हिम्मत होंसले राजेश कोच साहब के प्रयासों के कारण कभी नहीं हारे यह कारण था कि मैं आगे बढ़ने में हमेशा सक्षम रहा। ”ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर सिंह कहते हैं।“राजेश जमीनी स्तर पर बॉक्सिंग के लिये बहुत अच्छा काम कर रहे हैं जिससे वो विश्व स्तरीय मुक्केबाज़ तैयार कर रहे हैं। मैं चाहता हूं कि खेल मंत्रालय उन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित करके उनकी उपलब्धियों को स्वीकार करे, ” दो दशक का कोचिंग करियर  

राजेश 20 वर्षों से अधिक समय से कोच हैं। वह 2015 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में एक बॉक्सिंग कोच के रूप में शामिल हुए थे। उसके बाद उन्होंने ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रशिक्षु के परिणाम देने के अलावा, उनकी कोचिंग के तहत हरियाणा की महिला टीम ने 2016 की राष्ट्रीय चैंपियनशिप में सभी दस भार वर्गों में रिकॉर्ड 10 पदक जीतकर इतिहास रच दिया।  .उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में महिला बॉक्सिंग टीम को पहला स्थान हासिल कराकर यूनिवर्सिटी को पदको की संख्या बढ़ाने का काम किया । राजेश राजौंद ने कहा “यह मेरे लिए एक सम्मान की बात है कि एक महान कोच संधू सर के साथ छह ओलंपियन —विजेंदर सिंह, मनोज कुमार, जय भगवान, दिनेश सांगवान, जितेंद्र, और सुमित सगनवान, और राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदक विजेता दिलबाग सिंह — ने मेरी पर्याप्त योग्यता को देखते हुए सर्वश्रेष्ठ कोचिंग पुरस्कार द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए खेल मंत्रालय को मेरे नाम की सिफ़ारिश की है”

You may also like

Leave a Comment

NewZdex is an online platform to read new , National and international news will be avavible at news portal

Edtior's Picks

Latest Articles

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00