न्यूज डेक्स संवाददाता
जींद। उचाना की कपास मंडी में शैड के नीचे किसानों की महापंचायत हुई। रविवार को हुई इस महापंचायत की अध्यक्षता किसान नेता आजाद पालवां ने की। महापंचायत में 9 प्रस्ताव पारित किए गए। जिनमें आने वाले पंचायती राज चुनाव में भाजपा, जजपा के समर्थक के खिलाफ मतदान करना, क्षतिपूर्ति कानून वापिस लेने, एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने, तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने, आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को 50 लाख रुपये मुआवजा व सरकारी नौकरी, महिला उत्पीड़न के खिलाफ सख्त कार्रवाई, युवाओं के लिए रोजगार, बिजली संबंधित सभी समस्याओं का निदान, लेबर कोड कानून रद्द करने, किसान-मजदूर के कर्जे माफ करने के प्रस्ताव पारित किए गए। किसानों के सामने जो-जो बिजली की समस्याएं आती है उनको भी जान कर एक मांग पत्र तैयार किया।
आजाद पालवां ने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरने पर गांवों से अधिक भागीदारी सुनिशि्चत करने के लिए गांव में कमेटी बनाई जाए। अनाज सहित अन्य खाद्य सामान भी गांव में एकति्रत करके किसानों के धरने पर पहुंचाना सुनिशि्चत किया जाए। सात महीने से अधिक का समय किसानों को अपनी मांगों को लेकर धरना देते हो गया है लेकिन सरकार आंखे बंद किए हुए है। किसानों द्वारा शुरू किया गया यह आंदोलन आज जन आंदोलन का रूप ले चुका है। आंदोलन को तोड़ने की काफी कोशिश सरकार की हुई लेकिन कोई भी कोशिश सफल नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि 26 जून को पंचकूला में बिजली निगम के एमडी को किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया था। अब 5 जुलाई को दोबारा से किसानों के बिजली संबंधित मुद्दों को लेकर बिजली मंत्री, बिजली निगम के एमडी से मीटिंग होगी। किसानों की महापंचायत में विभिन्न समस्याएं किसानों की बिजली संबंधित सामने आई है जिनको मांग पत्र में शामिल किया जाएगा। इस मौके पर फूल सिंह श्योकंद, सतबीर पहलवान, दलबीर श्योकंद, रमेश मखंड, जयदीप चहल जुलाना, गुरूदेव दुड़ाना, दिनेश जामनी, इंकबाल सिंह सफीदों, सिकि्कम सफा खेड़ी, पूनम कंडेला, अनीता सुदैन, शीला छातर, पूनम बड़नपुर, शीला जुलानी, कृष्ण सफा खेड़ी, लीलू बड़नपुर, जस्सा नगूरां, अनिल सुदकैन, मेवा करसिंधु, रामनिवास करसिंधु मौजूद रहे।
ये है बिजली संबंधित समस्याएं किसानों को-किसानों ने बताया कि दकि्षण, उत्तर हरियाणा बिजली निगम के बिजली रेटों में अंतर है। दकि्षण हरियाणा में बिजली कनेक्शन का रेट ज्यादा है। उत्तर हरियाणा बिजली निगम के रेट कम है। दोनांे के एक सामान रेट किए जाए। बिजली निगम के बिल भरने में देरी पांच रुपये सैंकडा ब्यॉज लगाया जाता है बिल देरी से भरने पर बैंक ब्यॉज लगाए जाए। बिजली का शेडयूल जो खेतों के लिए बनाया गया है उसे बदला जाए। अब दोपहर 2 बजे से 6 बजे तक बिजली आती है। दोपहर 12 से 4 बजे तक पहले वाला शेड्यूल होना चाहिए। सफा खेड़ी सहित विभिन्न गांव से होकर हाईपॉवर की बिजली की तार जो गुजर रही है उसको शिफ्ट किया जाए। इन बिजली की तारों के चलते कई जान जा चुकी है। लोहे के खंबे वो भी पुराने हो चुके है। 2014 से पहले के टयूबवेल कनेक्शन है जिनकी सिक्योरटी भरी है वो भी तुरंत दिए जाए। खेतों में बिजली के बड़े खंबे लगने पर किसानों को मुआवजा दिया जाए। टयूबवेल कनेक्शन को लेकर मोटर के लिए कंपनी चिन्ह्त कर रखी है उनकी बजाए बाजार से खरीदने की छूट किसानों को दी जाए। ट्रांसफार्मर जलने के बाद 24 घंटे के अंदर किसान को मिलना चाहिए।