न्यूज डेक्स संवाददाता
डबवाली।शहर की राम नगर कॉलोनी, वार्ड नंबर 12 , आदर्श नगर निवासी चंदन गिल्होत्रा पुत्र कृष्ण गिल्होत्रा ने कभी प्राईमरी स्कूल में पढ़ते हुए उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सपना देखा था और अपनी अथक मेहनत व कड़े परिश्रम के साथ अभिभावकों, गुरुजनों, प्राध्याक-प्राध्यापिकाओं के कुशल मार्गदर्शन में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने में सफलता हासिल कर डबवाली का नाम रोशन किया है।
अपनी इस उपलब्धि पर डॉ. चंदन गिल्होत्रा ने बताया कि उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राम नगर कॉलोनी में स्थित विकास मॉडल स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद वाटर वक्र्स रोड स्थित बाल मंदिर मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल में दाखिला लिया और साईंस संकाय में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद गुरुजनों व अभिभावकों द्वारा किए गए उत्साहवद्र्धन से उनमें एक नई ऊर्जा का संचार हुआ और मेरिट के आधार पर उनका एडमीशन राजिंदरा कॉलेज बठिंडा में हो गया।
यहां से उन्होंने बीएससी करने के बाद गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी हिसार का रूख किया और एंट्रेंस टेस्ट में आल इंडिया में चौथा रैंक हासिल कर अपने सपनों को एक नई उड़ान दी और एमएससी फिजिक्स प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। डॉ. गिल्होत्रा ने कहा कि उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। शिक्षा के क्षेत्र में कुछ कर गुजरने के जज्बे के साथ सिरसा से बीएड की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। इसके बाद सिरसा चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय से एम.फिल की डिग्री और वर्तमान समय के अनुसार अपने जीवन में कम्प्यूटर की बढ़ती आवश्यकताओं को जाना और कम्प्यूटर साईंस में भी हाथ आजमाया और प्रथम श्रेणी में मास्टर डिग्री पाई।
उन्होंने कहा कि उनकी माता एक कुशल गृहणी हैं और उनके पिता कृष्ण गिलहोत्रा रिटायर्ड बैंक मैनेजर हैं और उनका छोटा भाई अधिवक्ता हैं। उन्होंने बताया कि उनके अभिभावकों एवं अपने गुरुजनों की प्रेरणा से फिजिक्स में डॉक्टरेट की तरफ अपने कदम बढ़ाए और डॉ. संजय एवं डॉ. नितिका चौधरी के मार्गदर्शन में पीएचडी फिजिक्स में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की। इस दौरान 12 रिसर्च पेपर पब्लिश हुए व 20 से अधिक इंटरनेशनल व नेशनल कांफ्रेंस व सेमिनार में भाग लिया।
अपने 12 वर्षों के टीचिंग एक्सपीरियंस में लगभग 4 वर्ष गांव डबवाली स्थित डॉ. भीम राव अंबेडकर महाविद्यालय में बतौर एक्सटेंशन लेक्चरर छात्र-छात्राओं को पढ़ाया। फिलहाल निकटवर्ती पंजाब क्षेत्र के गांव डूमवाली में स्थित ईस्टवुड इंटरनेशनल स्कूल में फिजिक्स प्राध्यापक के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं और अपने कोचिंग सैंटर पर भी शिक्षा का उजाला फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब वह भविष्य में किसी विदेशी यूनिवर्सिटी से पोस्ट डॉक्टरेट में एडमीशन लेकर अपना शोध कार्य करना चाहते हैं और अपनी एक पुस्तक लिख रहे है । अपनी इस सफलता का सारा श्रेय वह अपने माता-पिता, गुरुजनों व परिवार को देते हैं।