न्यूज डेक्स इंडिया
मुंबई।दादा साहब फालके अवार्ड से सम्ममानित दिग्गज सिने अभिनेता दलीप कुमार का आज सुबह हिंदुजा अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया। इस समाचार से देश दुनिया में उनके करोड़ों प्रशंसक शोक में है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके के निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित देशभर के राजनेताओं और विभिन्न क्षेत्रों में दिग्गजों ने एवं सिनेमा जगत ने शोक जताते हुए कहा है कि दलीप साहब के निधन से हमारे सांस्कृतिक संसार को क्षति पहुंची है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में कहा है, “दिलीप कुमार जी को हमेशा सिने जगत के दिग्गज के रूप में याद किया जायेगा। उन्हें बेमिसाल प्रतिभा मिली थी, जिसने दर्शकों की कई पीढ़ियों को मंत्र-मुग्ध किया। उनके परिवार, मित्रों और असंख्य प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनायें। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।”
दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार 30 जून को सांस लेने में तकलीफ के चलते मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। उन्हें यहां आईसीयू में रखा गया था। उनकी पत्नी सायरा बानो लगातार फैंस के साथ दिलीप कुमार का हेल्थ अपडेट शेयर कर रही थीं। एक दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि अब दिलीप कुमार की हालत में सुधार है और जल्द ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।
सायरा ने कहा था, ‘दिलीप कुमार साहब की हालत में अब सुधार आ रहा है। वह फिलहल आईसीयू में हैं। हम उन्हें घर लेकर जाना चाहते हैं, लेकिन डॉक्टर्स के अप्रूवल का इंतजार हैं। मगर आज दिलीप कुमार के निधन से पूरी फिल्म इंडस्ट्री शोक में डूब च चुकी है। कई फिल्मी सितारे अपने सोशल मीडिया के जरिए दिलीप कुमार को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दलीप कुमार के शव को राजकीय सम्मान के साथ दफन करने के आदेश दिए हैं।मुंबई के सांताक्रूज़ के जुहू क़ब्रिस्तान में शाम 5 बजे उनके शव को दफ़नाने के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। फिलहाल सोशल मीडिया और मुख्यधारा के मीडिया में भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के ट्रेजडी किंग के निधन पर शोक संदेश और श्रद्धाजंलि देते हुए मनोरंजन और समाजसेवा के क्षेत्र में दिए गए योगदान को याद किया जा रहा है।
दलीप कुमार की करिश्माई छवि और अभिनय की जादूगरी पर अनेक लेख देश-विदेश के मीडिया में छपते रहे हैं। कई लेखकों ने दलीप साहब की प्रतिभा क्षमता और उनकी उपलब्धियों पर पुस्तकें रचनाएं लिखीं गई। उन्हें आठ बार फिल्म फेयर और 1994 में दादा साहब फालके पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।