न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र,23 अगस्त। बिश्नोई समाज की ओर से खजडली बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में बिश्नोई धर्मशाला प्रांगण में 50 से अधिक औषधीय व फलों की पौध लगाई गई। आज के दिन बिश्नोई समाज की अमृता देवी ने अपनी तीन बेटियों के साथ वृक्षों की रक्षा करते हुए अपना बलिदान दिया था। समाज की ओर से 10वीं 96 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाली छात्रा निशु बिश्नोई को सम्मानित किया। निशु ने मेडिकल में प्रवेश लिया है, जिसके लिए समाज के लोगों ने उसे आशीर्वाद दिया।
बिश्नोई समाज के प्रधान ओमप्रकाश, आत्माराम बिश्नोई व अशोक मांझू ने बताया कि 23 अगस्त 1730 में समाज के 363 लोगों ने वृक्षों को बचाने के लिए अपना बलिदान दिया था। जोधपुर के तत्कालीन राज अभय सिंह ने अपने मंत्री गिरधर दास भंडारी को महल बनाने के लिए वृक्षों को काटने के निर्देश दिए थे, वृक्षों को बचाने के लिए समाज के लोग सामने आए। सबसे पहले अमृता देवी बिश्नोई ने अपनी तीन बेटियों के साथ अपना बलिदान दिया था।
बिश्नोई समाज गुरु जंबेश्वर भगवान के शिष्य हैं, गुरु जी ने 29 नियम बनाए थे। जिनमें से पर्यावरण की रक्षा व पशुओं की रक्षा का संदेश दिया था। इस मौके पर ओमप्रकश भादू, राजेश गोदारा, भगवान दास पटवारी, बंसी बैनीवाल, राजकुमार, कर्ण, अरमान, भावना, रोशनी, मुन्नी भादू, माया, हनुमान, शीला व माया देवी मौजूद रही।