Friday, November 22, 2024
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भिक्षावृत्ति मुक्त जयपुर मॉडल विकसित कर प्रदेश में होगा लागू,पिंक सिटी में हैं 1162 भिखारी,898 ऎसे जो किसी कौशल को सीखकर करना चाहते हैं काम

by Newz Dex
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न्यूज डेक्स राजस्थान

जयपुर।मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यथा शीघ्र जयपुर को भिक्षावृत्ति मुक्त करें और तत्पश्चात भिक्षावृत्ति मुक्त जयपुर मॉडल को पुरे प्रदेश में लागू करें। आर्य ने बुधवार को सचिवालय में आरएसएलडीसी के माध्यम से शुरू किए गए ‘भोर’ कार्यक्रम की बैठक में निर्देश दिए कि श्रम एवं कौशल विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और पुलिस विभाग मिलकर भिक्षावृत्ति मुक्त जयपुर मॉडल को सफल बनावें। उन्होने निर्देश दिया कि प्रदेश भर से भिक्षावृत्ति का उन्मूलन एवं भिखारियों का पुनर्वास किया जाए।          

बैठक में आरएसएलडीसी के शासन सचिव डॉ. नीरज के पवन ने बताया कि  जयपुर शहर में करीब 1162 भिक्षावृत्ति में लगे लोगों का एक सर्वे किया गया था जिसमें 898 भिखारी ऎसे पाए गए जो किसी कौशल को सीखकर काम करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि ऎसे भिक्षुकों को 3 माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसमें प्रशिक्षणार्थियों के 2 बैचेज बनाए गए हैं एवं रूचि के अनुसार कोर्सेज के हिसाब से उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा।

इनमे से कई ऎसे हैं जिन्होंने पूर्व में कैटरिंग, बावर्ची, सिलाई आदि क्षेत्रों में काम किया है व उसी अनुभव व रूचि अनुसार इन्हें कोर्स व प्रशिक्षण मुहैया कराए जा रहे हैं साथ ही इन्हे उक्त प्रशिक्षण अवधि में प्रतिदिन 225 रुपये जीवन निर्वाह भत्ता राशि भी मुहैया करवायी जा रही है। उन्होंने बताया कि कौशल विकास एवं आजीविका विकास निगम ऎसे 40 लोगों के जीवन में एक नई भोर लेकर आया है. उन्हें न केवल साफ-सुथरे माहौल में रहने को मिल रहा है बल्कि तय समय पर चाय, नाश्ता और खाना भी मिल रहा है। इसके साथ ही उनकी दिनचर्या सुव्यवस्थित रखने के लिए उन्हें योग, खेल-कूद और सत्संग से भी जोड़ा जा रहा है।     

बैठक में जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि  इन सभी भिखारियों को मोबिलाइज कर कोविड जांच करवा कर प्रशिक्षण केन्द्र लाया गया था। ऎसी जगहों व अवसरों से अनजान इनमें से कई भयभीत थे।  बैठक में  सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि ऎसे बच्चे जो भिक्षावृत्ति में लिप्त है उनको विभाग बालिका गृह व बाल गृह भेजा जाएगा। इसी प्रकार 60 वर्ष से अधिक आयु के भिक्षावृत्ति में लिप्त भिखारियों को ओल्ड एज होम में भेजा जाएगा। राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) भारत में प्रथम स्टेट स्किल डवलपमेन्ट मिशन है जिसके द्वारा यह अभिनव पहल की गयी ।

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