आयुर्वेदिक उपचार से पचास से अधिक मरीज हो चुके हैं ठीक
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र।सफेद दाग जिसे प्रचलित भाषा में फुलवेरी रोग कहा जाता है। यह रोग विरूद्ध आहार और अनुवांशिक कारणों से होता है। इस रोग में मरीज के शरीर पर सफेद धब्बे दिखने लगते है। जो रोगी में मानसिक अवसाद पैदा करते हैं। आयुर्वेद में फुलवेरी का इलाज संभव है। आयुष विश्वविद्यालय स्थित श्रीकष्ण राजकिय आयुर्वेदिक अस्पताल में आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा फुलवेरी का सफल इजाल किया जा रहा है। अब तक लगभग 50 से अधिक मरीज ठीक हुए है कई मरीजों का अस्पताल में उपचार किया जा रहा है।
विटिलिगो (फुलवेरी) एक प्रकार का त्वचा विकार है। जिसे ल्यूकोडर्मा के नाम से भी जानते है। समाज में इस बीमारी को समान्य तौर पर घृणा के रूप में देखा जाता है। लेकिन आयुर्वेद में फुलवेरी का इलाज संभव है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित कटारिया ने बताया कि समान्यतः विटिलिगो किसी भी उम्र में हो सकता है। जो गलत खान-पान और आनुवांशिक कारणों से होता है। ज्यादा मामलों में यह रोग 20 साल की उम्र से पहले हो जाता है। 95 प्रतिशत मामलों में 40 वर्ष की आयु से पहले विकसित होता है। कुछ रोगियों में धिरे-धिरे। जबकि कुछ मामलों में बहुत तेजी से फैलता है।
उन्होंने बताया कि जब आपके शरीर में मेलेनोसाइटस मरने लगते हैं। तब आपकी त्वचा पर कई सफेद धब्बे बनने लगते है। इस स्थिति को श्वेत कुष्ठ रोग भी कहते हैं। यह आमतौर पर शरीर के उन हिस्सों पर होता है, जो सुरज की रोशनी के सिधे संपर्क में आते हैं। चेहरे, हाथों और कलाई इससे अधिक प्रभावित होती है। आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा इस रोग का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है। 50 से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं और कई मरीजों का उपचार किया जा रहा है। सप्ताह में बुधवार और शनिवार को विटिलिगों के मरीजों की जांच की जाती है।
आयुर्वेदिक दवाई लेने से महीने में ठीक हुए सफेद धब्बे -दीपिका
घरोंडा निवासी रोगी दीपिका ने बताया कि मुझे तीन साल पहले चेहरे पर सफेद धब्बे बनने लगे थे। शहर के कई डॉक्टरों को परिवार द्वारा दिखाया गया। लेकिन कई प्रकार के उपचार के बाद भी सफेद निशान नहीं गए। तब परिवार को किसी से जानकारी मिलने पर कुरुक्षेत्र स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज शुरू किया। आयुर्वेदिक दवाओं से एक महीने के अन्दर सफेद निशान धिरे-धिरे कम होने लगे। दीपिका ने बताया कि चेहरे की स्कीन पहले जैसी हो गई है। घुटने पर हल्के-हल्के निशान बाकि है। इलाज अभी भी चल रहा है।