घंटों तक विश्वविद्यालय व एनआईटी को किया बिल्कुल सील, पूरे क्षेत्र को तब्दील किया पुलिस छावनी में
कष्ट निवारण समिति की बैठक में भाजपाईयों ने खोला अधीक्षक अभियंता के खिलाफ मोर्चा
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। जिला प्रशासन द्वारा बहुत प्रयास किया गया कि किसान बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा का विरोध न कर सकें। इसके लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया सैंकड़ो की संख्या में पुलिस कर्मियों को हर चौक व मोड पर तैनात किया गया था। लेकिन बावजूद इसके दर्जनभर किसान विश्वविद्यालय में बैठक स्थल तक पहुंच गए और काले झंडे दिखाते हुए जोरदार नारेबाजी की। बता दें कि पहले से तय समय के अनुसार शुक्रवार को जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा मुख्य रूप से पहुंची। हालांकि पहले यह बैठक पंचायत भवन में आयोजित होती है इस बार भी बैठक पंचायत भवन में ही रखी गई थी लेकिन किसानों के विरोध के फलस्वरूप बैठक का स्थान दो दिन पूर्व गुपचुप तरीके से कुरुक्षेत्र विश्विद्यालय का सीनेट हाल कर दिया गया। शिकायतकर्ताओं को भी लगभग पांच जगह चैकिंग के बाद ही बैठक स्थल तक जाने दिया गया। वहीं अंदर बैठक चल रही थी और बाहर गुस्साए किसानों ने सेकेंड गेट पर जाम कर दिया गया। इस दौरान सेकेंड व थर्ड गेट पर सैंकडों पुलिस कर्मचारी व अधिकारियों को तैनात किए गए थे।
घंटों तक कर रखे विश्वविद्यालय व निट के गेट बंद
किसानों के विरोध को भांपते हुए विश्वविद्यालय व निट के प्रत्येक द्वार पर पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों को तैनात किया गया था। चारों ओर से विश्वविद्यालय को पूरी तरह से सील किया गया था। इतना ही नही लगभग 12 बजे सभी द्वारों को बंद कर दिया गया और लगभग 4 बजे द्वारों को खोला गया। हालांकि कष्ट निवारण समिति की बैठक लगभग 2 बजे समाप्त हो गई। उन्हे सेकेंड गेट से बाहर निकलना था लेकिन किसान बीच रास्ते अड गए और वे अंतरराष्ट्रीय गेस्ट हाऊस में चलीं गई। बाद में पुलिस के कडे पहरे के बीच वीआईपी मार्ग से ब्रह्मसरोवर से होते हुए राज्यमंत्री को जीटी रोड तक पहुंचाया। यहां से वे चंडीगढ की ओर चली गईं। वहीं स्टेट हाईवे पर लगभग साढे 11 बजे जाम लगा दिया गया जोकि समाचार लिखे जाने लगभग 7 बजे तक जाम लगाया गया था।
बैठक में भाजपाईयों ने खोला अधीक्षक अभियंता के खिलाफ मोर्चा
बैठक के दौरान कई मामले बिजली विभाग से संबंधित आए। ऐसे में बिजली विभाग के अधीक्षक अभियंता कर्णसिंह भौरिया ने माईक के माध्यम से सभी मामलों के बारे में विस्तार से बताया। इसी बीच गर्मा गर्मी हो गई और भाजपा नेता रामपाल पाली उठे व एससी पर आरोप जडऩे लगे। उन्होने कहा कि आपने बिजली मंत्री के कहने के बावजूद भी भाजपा कार्यकर्ताओं का कार्य नही किया। वहीं उन्होने आरोप लगाया कि आपने पूर्व विधायक पवन सैनी के बारे भी गलत शब्दों का प्रयोग किया। बस फिर क्या था एक के बाद एक भाजपा नेता खडे होते गए व एससी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इस दौरान राज्यमंत्री ने भी चेतावनी दी कि आगे से ऐसा नही होना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो कार्रवाई होगी। जैसे ही एससी मंच से जाने लगे तो भाजपा जिलाध्यक्ष राजकुमार सैनी भी लाल होते हुए बोले कि किसी वर्कर का कार्य नही रूकना चाहिए। इसके बाद एक शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी के संबंध में आई तो जिला शिक्षा अधिकारी के संबंध में भी बीजेपी नेताओं ने जमकर भड़ास निकाली।
पुलिस और किसान हुए आमने-सामने
जैसे ही कुछ किसानों ने विश्वविद्यालय में प्रवेश कर राज्यमंत्री का विरोध किया तो पुलिस ने सभी किसानों को दबोच लिया और राज्यमंत्री के गैस्ट हाऊस में जाने के बाद फिर छोड़ दिया। यही किसान गैस्ट हाऊस में पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। इसके बाद इनको हिरासत में ले लिया और कुछ अन्य किसानों को भी हिरासत में लिया। हालांकि बाद में हिरासत में लिए गए सभी 9 किसानों पर 107-151 की कार्रवाई कर छोड दिया गया।
बीकेयू के जिलाध्यक्ष कृष्ण कलाल माजरा का कहना है कि बीकेयू ने प्रदेश सरकार को चेताया हुआ है कि वे कोई भी कार्यक्रम या मंत्री का कार्यक्रम नहीं होंगे देंगे। भविष्य में भी होने वाली जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक और बीजेपी व जेजेपी का विरोध किया जाएगा।