निधि गौड़/न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। पंचायती राज में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण पर सर्व खाप महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संतोष दहिया ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई हम लंबे समय से लड़ रहे थे और संगठन ने मांग की थी की पंचायती राज में महिलाओं को 50 प्रतिशत हिस्सा मिलना चाहिए। 12 जुलाई को ऐतिहासिक प्रथम अंतर्राष्ट्रीय सर्व खाप महिला कॉन्फ्रेंस के आयोजन मे भी मुख्य मुद्दा पंचायती राज में महिलाओं का 50 प्रतिशत आरक्षण रहा। डॉक्टर संतोष दहिया की तरफ से प्रस्ताव रखा गया जिसे सर्वसम्मति से देश ही नहीं बल्कि विदेश में बैठी महिलाओं ने भी प्रस्ताव को पास किया। जिसके बाद सर्व खाप महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संतोष दहिया ने इसी एजेंडे को मेल के जरिए राज्यपाल हरियाणा, मुख्ममंत्री और उपमुख्यमंत्री को भेजा। डॉक्टर संतोष दहिया ने कहा कि आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ ,हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरला, कर्नाटका, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र ,उड़ीसा, राजस्थान ,सिक्किम, तमिल नाडु ,त्रिपुरा ,वेस्ट बंगाल और उत्तराखंड आदि प्रदेशों में पहले से महिलाओं के लिए पंचायती राज में 50 प्रतिशत आरक्षण मिला हुआ है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि आधी जमीन और आधे आसमां पर बेटियों का अधिकार है। फिर उन्हें राजनीति से वंचित क्यों रखा जा रहा है? आजादी के इतने वर्षों बाद भी लोकसभा में मात्र 10 प्रतिशत आरक्षण का होना इस बात की तरफ संकेत करता है कि आज भी देश में महिलाओं को वह मान सम्मान नहीं मिला जिसकी वह अधिकारिणी है। डॉक्टर संतोष दहिया ने कहा कि हमारी इस मांग को मानते हुए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा है कि आने वाले पंचायती राज इलेक्शन में महिलाओं को 50 फ़ीसदी हिस्सा मिलेगा। डॉक्टर संतोष दहिया ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह सर्व खाप महिला विंग की सबसे बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और पूरी विधान सभा के सदस्यों का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह महिलाओं को आगे बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि पिछली दफा 33 प्रतिशत विरुद्ध 42 प्रतिशत महिलाएं जीत कर आई थी 50 प्रतिशत हिस्सा मिलने के बाद जो महिलाएं केवल चुल्हे चौके तक सीमित हैं वह भी समाज में बाहर निकल कर अपने हिस्से का योगदान देने की कोशिश अवश्य करेंगी। डॉ. संतोष दहिया ने कहा कि आने वाले पंचायती राज में महिलाओं को 50 फ़ीसदी हिस्सा देना अति आवश्यक है। उन्होंने कहां की केवल पंचायती राज मैं हिस्सा लेना ही हमारी लड़ाई नहीं है बल्कि मैं यह कहूंगी कि अभी तो शुरुआत है आगे और लड़ाई है। क्योंकि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक महिलाओं को विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा और सभी नौकरियों में 50 फ़ीसदी हिस्सा नहीं मिल जाता। पंचायती राज, विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा में 50 फ़ीसदी हिस्से की बात करना बेमानी नहीं है बल्कि इस हिस्से की जरूरत है क्योंकि जब तक महिलाएं खुद बाहर निकल कर अपने अधिकार की लड़ाई नहीं लड़ेंगी तब तक उन्हें अधिकार नहीं मिल सकता । अगर बिना लड़ाई लड़े उन्हें अधिकार मिल जाता तो अब तक लड़कियों को अपने अधिकारों के लिए यूं लड़ाई ना लड़नी पड़ती क्योंकि संविधान ने महिला और पुरुष को बराबर का अधिकार दिया है बावजूद इसके महिलाओ को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ता है। इस संघर्ष के लिए सर्व खाप महिला विंग कमर कस चुकी है।