अपने हकों के लिए विरोध करना किसानों का संवैधानिक अधिकार
आज देश और प्रदेश के हालात बेहद खराब
समय आ गया है जब केंद्र की सरकार को अन्नदाता की सभी मांगों को मान कर आंदोलन को समाप्त कर देना चाहिए
न्यूज डेक्स हरियाणा
चंडीगढ़। पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने बुधवार को चंडीगढ़ से एक बयान जारी कर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डी वाय चन्द्रचुड़ की सरकारों द्वारा आंदोलनकारियों पर कानून का दुरुपयोग करने पर की गई टिप्पणी का समर्थन किया जिसमें न्यायाधीश ने कहा कि ‘‘एक दिन के लिए भी स्वतंत्रता से वंचित करना बहुत अधिक है और नागरिकों के उत्पीडऩ के लिए आपराधिक कानूनों का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
आगे बोलते हुए न्यायाधीश ने कहा कि अदालत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे बचाव की पहली पंक्ति बनी रहे’’। इनेलो नेता ने न्यायाधीश द्वारा की गई बेबाक टिप्पणी को बेहद गंभीर बताया और कहा कि जब देश की सर्वोच्च अदालत का न्यायाधीश कनूनों के दुरुपयोग पर अपनी चिंता जता रहे हैं तो यह समझना बेहद जरूरी है कि आज देश और प्रदेश के हालात बेहद खराब हैं।
अभय सिंह चौटाला ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की टिप्पणी को किसानों पर किए गए आपराधिक मुकद्दमों से जोड़ते हुए कहा कि अपने हकों के लिए विरोध करना किसानों का संवैधानिक अधिकार है और प्रदेश का किसान कोई पेशेवर अपराधी नहीं है कि उन पर हत्या के प्रयास जैसे गंभीर एक्ट के तहत आपराधिक मुकद्दमे दर्ज किए जाएं। भाजपा सरकार आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज किए गए सभी मुकद्दमे तुरंत वापिस ले। केंद्र की भाजपा सरकार किसानों से बातचीत कर तीनों काले कृषि कानूनों को खत्म करे और अन्नदाता की जायज मांग को पूरा कर उनकी सकुशल घर वापसी सुनिश्चित करे।
इनेलो नेता ने कहा कि किसान बेहद शांतिप्रिय कौम है और कभी किसी प्रकार की अराजकता नहीं चाहता। हमारा अन्नदाता हमेशा विपरित परिस्थितियों में कड़ी मेहनत से धरती का सीना चीर कर अन्न पैदा करता है और चाहे अमीर हो या गरीब सभी का पेट भरता है। आज यह बेहद दुख और पीड़ा देता है कि अन्नदाता को अपने हकों के लिए आंदोलन करते हुए सात महीने से उपर हो गए हैं और इस दौरान 600 से अधिक किसान शहीद हो गए हैं लेकिन प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एक बार भी अफसोस नहीं जताया है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब केंद्र की सरकार को अन्नदाता की सभी मांगों को मान कर आंदोलन को समाप्त कर देना चाहिए नहीं तो आने वाले समय में प्रदेश ही नहीं पूरे देश के लोग किसानों के पक्ष में खड़े होंगे और भाजपा को सत्ता से बाहर कर देंगे।