आंदोलनकारी पंजाब के किसान ना राजनीतिक बयान देंगे और ना ही पंजाब चुनाव में जाएंगे
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ुनी पर राजनीतिक बयान देने का है आरोप
न्यूज डेक्स संवाददाता
सोनीपत। तीन कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर पड़ाव डालकर बैठे किसानों का आंदोलन चल रहा है। पिछले महीनों में किसान आंदोलन के कई रंग देश की जनता और सरकार देख चुकी है। कई तरह के विवाद इस आंदोलन से जुड़ चुके हैं। आजादी के बाद भारत में यह अलग तरह का आंदोलन बताया जा रहा है। इस आंदोलन पर कई तरह के सवाल सत्ता पक्ष और उससे जुड़े लोग खड़े करते आए हैं। बुधवार शाम को यह आंदोलन एक बार फिर गुरनाम सिंह चढ़ुनी के कारण चर्चा में आया है। चर्चा है कि उन्हें सात दिन के लिए सस्पेंड किया गया है।
सयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक के बाद आज की प्रेस वार्ता यह फैसला सुनाया है। साथ किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया है कि पंजाब के किसान नेता पंजाब चुनाव में नहीं जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा लगातार यह संदेश दे रहा है कि किसान मंच राजनीति और राजनेताओं को दूर रखेगा,मगर आरोप है कि गुरनाम सिंह चढूनी बार-बार राजनीतिक बयान दे रहे थे। इसी लिए उन्हें आज 7 दिन के लिए सस्पेंड करने और इस अवधि में वे आंदोलन की मेन स्टेज से भी दूर रहेंगे।
राजेवाल ने साफ किया है कि हमारा काम सिर्फ किसानों के हक में आंदोलन लड़ना है, ना कि चुनाव लड़ना। वहीं उन्होंने बताया कि 22 तारीख को 200 किसान दिल्ली जाएंगे। उन्हें जहां भी रोका जाएंगा,वे वहीं रुक जाएंगे, लेकिन जहां से रास्ता मिलेगा, वहीं से दिल्ली दिल्ली जरूर जाएंगे। दिल्ली जाने वाले सभी किसानों के आधार कार्ड और फोटो मांगे गए हैं। पंजाब की 32 जत्थेबंदियों ने फैसला यह भी फैसला लिया है कि चुनाव के दौरान कोई भी किसान नेता पंजाब नहीं जाएगा और दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन स्थलों पर ही रहकर इसे मजबूत करेंगे।