न्यूज डेक्स संवाददाता
जींद।अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी फेडरेशन और सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर केंद्र व राज्य सरकारों की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ गुरुवार 15 जुलाई को राष्ट्रीय प्रतिरोध दिवस के मौके पर जिला सचिवालय पर प्रदर्शन करके प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम दलबीर सिंह को ज्ञापन सौंपा गया।इसकी अध्यक्षता जिला प्रधान रामफल दलाल ने की, जबकि संचालन जिला सचिव सतीश शर्मा ने किया।इस मौके पर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के पूर्व राज्य महासचिव और हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के पूर्व राज्य प्रधान मास्टर सत्यपाल सिवाच ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध दिवस के दौरान आज पूरे देश में जोरदार प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सोंपे गए हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व में केंद्र की एनडीए सरकार लगातार नव उदारीकरण की नीतियों को तेजी से लागू करते हुए कर्मचारी, किसान, मजदूर व आम जनता विरोधी फैसले ले रही है। कोरोना महामारी की आड़ में सरकार पूंजीपतियों को मुनाफा पहुंचाने के लिए देश की मेहनतकश जनता की खून पसीने की कमाई से खड़े किए गए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण कर रही है। उन्हें सरेआम बोली लगाकर बेचा जा रहा है। केंद्र सरकार का एनपीएस को खत्म कर पुरानी पेंशन की बहाली, ठेका प्रथा समाप्त कर अनुबंधित कर्मचारियों को पक्का करने की मांग को लेकर घोर उपेक्षा पूर्ण रवैया जारी है। सर्व कर्मचारी संघ के राज्य ऑडिटर राजबीर बेरवाल ने कहा कि महंगाई भत्ते पर जनवरी 2020 से रोक लगाकर कर्मचारियों के 3500 करोड़ रुपए डकार चुकी है और आज कर्मचारियों के राष्ट्रव्यापी विरोध को देखते हुए केंद्र सरकार को महंगाई भत्ते पर रोक हटाने पर मजबूर होना पड़ा है।
केंद्र व प्रदेश सरकार ने प्रीमेच्योर रिटायरमेंट का सर्कुलर जारी कर कर्मचारियों पर एक और हमला बोल दिया है। इसके साथ ही पूंजीपतियों के हक में जहां श्रम कानूनों को बदल दिया गया है। वहीं खेती विरोधी कानूनों को संसद में जबरदस्ती पास कर दिया गया है। केंद्र व राज्य सरकार सार्वजनिक सेवाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, जनस्वास्थ्य, बिजली व परिवहन समेत सभी का निजीकरण कर रही है। इसके चलते जहां जन सुविधाओं में लगातार कटौती की जा रही है। वहीं रोजगार के अवसर खत्म होने से रिकॉर्ड तोड़ बेरोजगारी बढ़ रही है। आल, हरियाणा पॉवर कॉर्पोरेशन के राज्य प्रधान सुरेश राठी और अध्यापक संघ के राज्य ऑडिटर वेदपाल रिढ़ाल ने कहा कि साल 2010 में लगे पीटीआई व ड्राइंग अध्यापकों की नौकरी को खत्म करने के बाद खेल कोटे से लगे 1518 ग्रुप डी के कर्मचारियों सहित कई विभागों के कच्चे कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
ट्रेड यूनियनों की लगातार मांगों के बावजूद न तो परियोजना कर्मियों व मजदूरों को 24 हजार रु न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है और न ही मनरेगा मजदूरों को नियमित काम व सम्मानजनक मजदूरी दी जा रही है। कृषि कानूनो को रद्द करने की माँग कर रहे किसानों की समस्या का समाधान करने की बजाय केंद्र सरकार द्वारा उन्हें प्रताड़ित करने की मानसिकता से बातचीत द्वारा कोई हल नहीं निकला जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर जनविरोधी नीतियों को वापिस नहीं लिया गया तो किसानों, मजदूरों व तमाम मेहनतकश जनता को लामबंद करते हुए आंदोलन तेज किया जायेगा।
जिला प्रधान रामफल दलाल ने कहा कि सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा मांग करता है कि केरल की तर्ज पर हरियाणा सरकार भी तुरंत एरियर सहित महंगाई भत्ते की घोषणा करे। हटाए गए कर्मचारियों को बहाल करे, पुरानी पेंशन बहाल की जाए, विभागों को सिकोड़ने और निजीकरण की नीतियां वापस ले, जनसंख्या के अनुपात में पदों का सर्जन कर भर्तियां की जांए।इस अवसर पर भूप सिंह वर्मा, सत्येंद्र कुमार, संजीव सिंगला, वेदपाल रिढ़ाल, महावीर पोपड़ा, शमशेर कौशिक, कलीराम, संजीव ढांडा, धर्मबीर भम्भेवा, अनूप, रणधीर सिंह सचिव, सोमपाल नगरपालिका, राकेश ईक्कस बिजली, राजकुमार शयोकंद, आजाद पांचाल रिटायर कर्मचारी संघ, वजीर गांगोली पीटीआई, कामरेड रमेश, बलबीर सिंह जिला संयोजक, सुशील कुमार रोडवेज, राजेश एमपीएचडब्ल्यू, सुनीता कालीरमन आदि मौजूद रहे।