अब नहीं होगी 19 जुलाई को होने वाली प्रस्तावित किसानों की महापंचायत
चढ़ुनी व अन्य किसान नेताओं ने दी थी मनीष ग्रोवर को चेतावनी
न्यूज डेक्स संवाददाता
रोहतक। पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर और आंदोलनकारी किसानों के बीच चल रहा विवाद आखिरकार आधी रात को पौने एक बजे शांत हो गया। इसके पश्चात सुभाष चौक के पास धरना स्थल से पुलिस ने देर बैरिकेड्स हटा दिए है। रात सवा 11 बजे कैनाल रेस्ट हाउस में मनीष ग्रोवर पहुंचे थे। इसके बाद सभी वहां इकट्ठे आए और कहा कि अब कोई विवाद नहीं है। मनीष ग्रोवर के प्रतिनिधि भाजपा नेता सतीश नांदल ने कहा, सबका धन्यवाद, आप सभी बधाई के पात्र हैं।
दरअसल हिसार में महिला किसान आंदोलनकारियों को कथित तौर पर अश्लील इशारा करने के मामले में पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के खिलाफ सुभाष चौक के पास चल रहे धरना पांचवें दिन शनिवार रात पौने एक बजे उठा। कैनाल रेस्ट हाउस में रात 11 बजे भाजपा नेताओं और किसान संयुक्त मोर्चा के नेताओं के बीच प्रशासनिक अधिकारियों मौजूदगी में काफी देर तक बातचीत चलती और इस बातचीत का सार्थक परिणाम भी निकला।
रात पौने एक बजे किसान नेता इंद्रजीत ने कहा कि हिसार प्रकरण को लेकर जो विरोध प्रदर्शन चल रहा था, इसमें पूर्व मंत्री व किसानों की ओर से अपनी बात रखी गई। उन्होंने कहा पूर्व मंत्री ने माताओं के बराबर बहनों के पैर छुए, आशीर्वाद लिया। इस तरह प्रकरण का पटाक्षेप हो गया। मीटिंग के बाद बीजेपी के प्रतिनिधि के रूप में वरिष्ठ नेता सतीश नांदल ने कहा कि शांतिपूर्ण वातावरण में मामले का निपटारा हुआ है। वहीं किसान नेता राजू मकड़ौली ने मीडिया और किसानों को यह जानकारी दी कि 19 जुलाई को प्रस्तावित महापंचायत इस बातचीत में निकले हल के बाद अब नहीं होगी।
इस विवाद के पनपने के बाद ग्रोवर ने किसानों द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे खारिज किया था। उन्होंने बकायदा प्रेस वार्ता कर यह कहा था कि उन्होंने किसी तरह का कोई गलत काम नहीं किया है,जिसके लिए वह माफी मांगे। उन्होंने कहा कि जानबूझ कर दबाव बनाने के लिए इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। अगर वह गलत हैं तो किसान उन्हें कानूनी रुप से कार्रवाई कराएं और जो साक्ष्य उनके पास हैं,वह प्रस्तुत करें,ताकि लोगों को भी पता चल सके कि उन्होंने क्या गलत किया था। उन्होंने यह भी दो टूक कहा था कि वह किसी भी सूरत में माफी नहीं मांगेंगे। और जो धरने पर बैठे हैं वे किसान नहीं है,किसान तो अपने खेतों में हैं। मगर बात को बिगड़ता देख और मौके की नजाकत को समझते हुए मनीष ग्रोवर ने आधी रात को इस मामले में बैकफुट पर आना पड़ा,जिसके बाद ही हल निकला।
धरने पर बैठी महिलाओं और किसानों ने कहा कि वह संतुष्ट हैं,मनीष ग्रोवर ने उनकी माताओं,बहनों और चाची ताइयों से हाथ जोड़ कर पांव पकड़कर माफी मांग ली है। उनकी मांग यही थी कि वह अपनी गलती को स्वीकार करें। गुरनाम सिहं चढुनी और आंदोलनरत किसानों ने मनीष ग्रोवर को चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने माफी नहीं मांगी तो किसान उनका हर जगह पर विरोध करेंगे।