विश्व के 32 देशों एवं भारत के विभिन्न राज्यों में हिंदी के प्रचार और प्रसार में कार्यरत है हिंदी साहित्य भारती
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। विश्व के 32 देशों एवं भारत के विभिन्न राज्यों में हिंदी के प्रचार – प्रसार में कार्यरत हिंदी साहित्य भारती के हरियाणा के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष डा. रामेंद्र सिंह को प्रेरणा के संस्थापक अध्यक्ष एवं हरियाणा साहित्य भारती के संरक्षक डा. जय भगवान सिंगला तथा वसुधैव कुटुंबकम संस्कृति सेवा आयाम के महासचिव डा. केवल कृष्ण ने पुष्पगुच्छ देकर बधाई दी। डा. जय भगवान सिंगला ने कहा कि जब हिंदी साहित्य भारती का गठन हुआ तब डा. रामेंद्र सिंह को महामंत्री की जिम्मेवारी दी गई थी। उन्होंने इस पद पर हिंदी के प्रचार के लिए कड़ी मेहनत करते हुए बहुत ही सराहनीय कार्य किया है। जिसके चलते हिंदी साहित्य भारती के केंद्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री डा. रविंद्र शुक्ल ने विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के निदेशक डा. रामेंद्र सिंह को अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी सौंपी है।
सिंगला ने कहा कि हम डा. रविंद्र शुक्ल का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने हरियाणा को योग्य नेतृत्व दिया है। उन्होंने बताया कि डा. ऋषि पाल जो कि बाबू अनंत राम कॉलेज कौल के प्राचार्य हैं, को महामंत्री नियुक्त किया है। हिंदी साहित्य प्रेमियों में उठी खुशी की तरंग एवं उत्साह व विश्वास के साथ हिंदी साहित्य भारती की नई टीम हिंदी को सफलता के शिखर तक ले जाएगी। सैकड़ों वर्षो से जो स्थान हिंदी को नहीं मिल रहा था वह अवश्य ही सभी के प्रयासों और केंद्रीय अध्यक्ष डा. रविंद्र शुक्ला के आशीर्वाद से अवश्य ही उद्देश्य को प्राप्त होगा। डा. रामेंद्र को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
हिंदी साहित्य भारती के संरक्षक डा. जय भगवान सिंगला ने कहा कि निश्चित तौर पर हम सभी के प्रयासों से हमारी मातृभाषा को वह स्थान अवश्य मिलेगा। जिसकी वह सदियों पहले से अधिकारी है और जनमानस के हृदय में विशेष तौर पर युवाओं के हृदय में एक नई चेतना पैदा होगी। इस अवसर पर डा. केवल कृष्ण ने कहा कि निश्चित रूप से डा. जय भगवान सिंगला, डा. रामेंद्र सिंह एवं डा. ऋषि पाल के नेतृत्व में हिंदी साहित्य भारती जिस उद्देश्य को लेकर चली है उसमें सफल होगी। डा. रामेंद्र सिंह विश्वव्यापी संस्था विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के निदेशक हैं और इसके अतिरिक्त भी अनेक संस्थाओं में उनकी सक्रिय प्रतिभागिता रहती है। डा. रामेंद्र सिंह ने कहा कि मैं केंद्रीय अध्यक्ष डा. रविंद्र शुक्ल एवं संरक्षक डा. जय भगवान सिंगला का धन्यवाद करता हूं जिनका समय-समय पर आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन मिलता रहता है। मैं इस पद की गरिमा बनाए रखूंगा और हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए निरंतर सेवा की भावना से कार्य करूंगा।