वैदिक धर्म समर्पित आर्य लेखराम, श्रद्धानंद व गुरुदत्त जैसे होने चाहिए : एसके आर्य
न्यूज डेक्स संवाददाता
डबवाली।शहर की अग्रणी संस्था आर्य समाज द्वारा रविवार को साप्ताहिक हवन यज्ञ एवं वैदिक सत्संग यज्ञशाला में आर्य समाज के अध्यक्ष एसके आर्य के सानिध्य में आयोजित किया गया। जिसमें यज्ञब्रह्मा का दायित्व आर्य समाज के उपाध्यक्ष डॉ. रामफल आर्य ने निभाया, जबकि मुख्य यजमान के तौर पर वरिष्ठ सदस्य विजय कामरा ने यज्ञ में आहुतियां डाली। तदोपरांत यज्ञब्रह्मा डॉ. रामफल आर्य ने वैदिक प्रार्थना के साथ-साथ आर्य समाज के प्रकांड विद्वान व भजनोपदेशक पं. सत्यपाल पथिक द्वारा रचित प्रेरणादायी भजन ‘वैदिक धर्म समर्पित आर्य कैसे होते हैं, लेखराम श्रद्धानंद गुरुदत्त जैसे होते हैं” एवं स्त्री आर्य समाज की प्रमुख नीलम राये ने मंगल गीत ‘सुखी बसे संसार सब दुखिया रहे न कोय, यह अभिलाषा हम सबकी भगवन पूरी होय..” एवं ”हे प्रभु तुम शक्तिशाली हो बनाते सृष्टि को, वेद सब गाते तुम्हें कीजिए धन वृष्टि को..”आदि अर्थपूर्ण भजन प्रस्तुत करके समां बांध दिया।
इस मौके अध्यक्ष एसके आर्य ने भजनों के संबंध में अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि आर्य समाज का अर्थ ही श्रेष्ठ लोगों का समूह है और इस भजन में भी यही बताया गया है कि आर्य कैसे होने चाहिए? उन्होंने कहा कि वैदिक धर्म समर्पित आर्य लेखराम, श्रद्धानंद व गुरुदत्त जैसे होने चाहिएं, जिनकी कथनी व करनी में कोई भेद नहीं होता और जिन्होंने पर उपकार के लिए अपना सारा जीवन दे दिया। अध्यक्ष एसके आर्य ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती के सच्चे सैनिक ऐसे ही होने चाहिएं। उन्होंने सभी आर्यों से आह्वान किया कि वह समाजहित के कार्यों में बढ़चढ़कर अपनी सहभागिता निभाएं। उन्होंने कोरोना नियमों की पालना करने के बारे में भी जागरुक किया। इस मौके कोषाध्यक्ष व संपत्ति अधिकारी भारत मित्र छाबड़ा, कुलदीप सिंह पटवारी, जगरूप सिंह आर्य, अमित राज मेहता, रजनी सुंधा, श्लोक आर्य, गौरव सुंधा, खुशदीप सुंधा आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय प्रार्थना, जयघोष एवं शांतिपाठ के बाद प्रसाद वितरित किया गया।