1996-1997 में 11 घंटे खेल मैदान में जमकर 201 की शानदार धुआंधार पारी खेल चुके सिद्धू की ये सियासी पारी कितनी लंबी होगी, अब इस पर रहेगी सबकी नजर
क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू शेरी से बन गए थे सिक्सर सिद्धू,फिर बने कमेंटेटर,वन लाइनर और इसके बाद बन गए जज लाफ्टर शो के और अब कांग्रेस के लीडर
सिद्धू के भाजपा से बाहर निकलने की वजह बादल बने,शेखर सुमन के लाफ्टर शो से निकलने की वजह बने थे शेरी
कांग्रेस से बाहर निकलने की वजह बन सकते थे कैप्टन अमरिंदर,मगर नवजोत सिंह सिद्धू पड़ गए भारी
न्यूज डेक्स इंडिया
दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके खेमे के लिए सिद्धू का सियासी सिक्सर ठीक चेतन शर्मा की बोल पर मियांदाद के सिक्सर जैसा दिख रहा है। फिलहाल पंजाब कांग्रेस के नए कैप्टन नवजोत सिंह सिद्धू के अलावा चार उप कप्तान भी बनाए जा जा चुके हैं। फिलहाल कैप्टन अमरिंदर और उनकी टीम सहित इनके समर्थकों की आंखों के सामने अंधेरा है।अंधेरा होगा भी क्यों नहीं,क्योंकि कैप्टन की टीम के दिग्गज दिल्ली में सिद्धू की फिल्डिंग लगाए जो बैठे थे।
रणनीति तो थी कि किसी भी सूरत में पंजाब कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष बनने से सिद्धू को रोका जाए। मगर कैप्टन टीम के खिलाड़ी गच्चा खा गए। ठीक वैसे ही जैसे 16 साल के शानदार क्रिकेट कैरियर में सिद्धू के हवा हवाई सिक्सरों को प्रतिद्वंदी टीमों के खिलाड़ी तकते रह जाते थे।जिन सांसदों सिद्धू ने जोकर कहते हुए कम आंका था और यहां तक कह दिया था कि इस जोकर को किसी भी सूरत में पंजाब का कप्तान मंजूर नहीं करेंगे,शाम होते होते यही जोकर सिद्धू सियासी सिक्सर ठोक गए। हाथ में कुछ आया तो वह था नियुक्ति पत्र,जिसमें सिद्धू के नाम की कप्तानी के साथ पंजाब कांग्रेस के चार उप कप्तानों के नाम शामिल थे।
यह वही सिद्धू हैं,जो 1996-97 में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ टेस्ट क्रिकेट में 11 घंटे लंबी और धुआंधार पारी में 201 रन जड़ चुके हैं। अब करीब 25 साल बाद कांग्रेस में उनकी नई सियासी पारी शुरु होने जा रही है। कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे को अपनी सियासी पारी से किस तरह मजबूत करेंगे,यह चुनौती अब सिद्धू के सामने खड़ी है,क्योंकि जंग बाहरी के साथ साथ अंदरुनी होगी। पंजाब कांग्रेस के कप्तान के सामने राजनीति के मझे हुए कैप्टन और उनके धुरंधरों से है।
एक जमाने में क्रिकेट की दुनिया में सिक्सर सिद्धू के नाम से विख्यात हुए इस क्रिकेटर के संन्यास लेने के बाद कमेंटेटर,वन लाइनर,लाफ्टर के साथ लीडर बनने तक की यात्रा काफी संघर्ष की रही है।जमाने ने देखा कि हर बार वे निखर कर सामने आए हैं। भाजपा के उम्मीदवार के रुप में पहली बार अमृतसर से चुनाव लड़कर उनके कार्यों की सराहना कांग्रेस के कार्यकाल में हुई। मगर अकाली दल और भाजपा के गठबंधन वाली सरकार के बावजूद सिद्धू और बड़े बादल,छोटे बादल की आंखों में किरकरी बनकर लगातार रड़कते रहे।
आखिरकार 2014 में अमृतसर की सीट छुड़वाने में सफल हुए बादल को मात देने के लिए उनकी चर्चा पंजाब में 2017 के चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी का मुख्यमंत्री उम्मीदवार होने की काफी समय तक चलती रही। आम आदमी पार्टी में आज शामिल होंगे सिद्धू,कल शामिल होंगे…।यह चर्चाएं चुनाव से पहले खूब मीडिया में बनी रहीं,मगर सिद्धू ने नई ठोर कांग्रेस में खोजी और पंजाब में कांग्रेस सत्ता में लौटी तो मंत्री बने और कपिल शर्मा के लाफ्टर शो में जज की कुर्सी से सीधा मंत्री कुर्सी पर बैठे।
अभी सब कुछ ठीक ठाक पूरी तरह चल रहा था कि सिद्धू का पाकिस्तानी क्रिकेटर इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने और पाकिस्तान में हुई जादू की झप्पी भारत में आलोचना का कारण बन गई। इसके लिए सिद्धू काफी समय तक रडार पर रहे। तब यही पाकिस्तानी जनरल बाजवा मामले में हुआ। सिद्धू चाहे किसी भी क्षेत्र में रहे हो,किसी ना किसी कारण से चर्चा और विवादों में रहना उनका शगल रहा है। सब जानते हैं लाफ्टर चैलेंज शो के जज शेखर सुमन को कैसे क्लीन बोल्ड कर प्वेलियन भेज दिया था,जबकि उस दौर में छोटे पर्दे का सबसे बड़ा नाम टीवी स्टार शेखर सुमन था। बाद में कुछेक मर्तबा दोनों एकसाथ दिखे,मगर वो केमिस्ट्री नहीं दिखी,लिहाजा शेखर सुमन बाहर हुए और एक के बाद एक नवजोत सिंह सिद्धू चमकते गए और उनके साथ की बदौलत कपिल शर्मा का शो भी चमका।
मगर साइड बाई साइड राजनीति,क्रिकेट कमेंटटेर का चेहरा इतना बड़ा हो जाएगा कि वो कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भारी पड़ेगा,इसका अंदाजा कैप्टन और पंजाब कांग्रेस के पुराने चेहरों को नहीं था। आज सिद्धू का वही चेहरा सियासत की शह मात के खेल में नजर आया,जहां पहली लड़ाई को नवजोत सिंह सिद्धू जीत चुके हैं,यदि आगामी चुनाव में कांग्रेस चारों खाने चित हुई तो इसका ठीकरा सीधे तौर पर उनके सिर ही फूटेगा,यदि कांग्रेस वापिसी का कारनामा करने में सफल हुई तो हो सकता है,श्रेय का शेयर बंट जाए,जो कांग्रेस की पुरानी परंपरा और इतिहास में दर्ज है।