प्रेरणा के संस्थापक एवं साहित्यकार डा. जय भगवान सिंगला की पुस्तक का हुआ विमोचन
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र की विख्यात समाजसेवी संस्था प्रेरणा, प्रेरणा वृद्धाश्रम के संस्थापक, साहित्यकार, लेखक एवं प्रसिद्ध उद्योगपति जय भगवान सिंगला की पुस्तक अलौकिक अनुभूतियां का विमोचन करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डा. इंद्रेश कुमार ने कहाकि अलौकिक अनुभूतियां व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा को जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मनुष्य की आस्था, विश्वास और चिंतन शैली सकारात्मक ऊर्जा के सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पुस्तक के विमोचन अवसर पर पुस्तक लेखक डा. जय भगवान सिंगला और वसुधैव कुटुंबकम संस्कृति सेवा आयाम के महासचिव डा. केवल कृष्ण भी मौजूद थे।
इस अवसर पर डा. इंद्रेश कुमार ने कहा कि दैवीय शक्तियों की ओर संकेत करना असाधारण कार्य है। जिस प्रकार देश पाश्चात्य संस्कृति और अनास्था के शिकंजे में जकड़ा हुआ है। ऐसे में डा. जय भगवान सिंगला ने अपनी विभिन्न यात्राओं एवं देवीय चमत्कारों का जो वर्णन इस पुस्तक में किया है वह अलौकिक अनुभूतियों की प्रामाणिकता को सिद्ध करती हैं। उन्होंने उनको बधाई देते हुए कहा कि वर्तमान काल में इस प्रकार की पुस्तक निश्चित रूप से लोगों की नकारात्मकता को सकारात्मकता में बदलने का काम करेगी।
उन्होंने कहा कि जय भगवान सिंगला निश्चित रूप से बधाई के पात्र हैं जो अब तक 40 से अधिक पुस्तकें लिख चुके हैं। इस पुस्तक की समीक्षा करते हुए हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व निदेशक डा. विजय दत्त शर्मा ने कहा कि लोग प्रायः मंदिरों में जाते हैं और वहां की भव्यता का आनंद लेते हैं, परंतु डा. जय भगवान सिंगला ने हिंदू संस्कृति की शक्ति उपासना में सदा श्रद्धा बनाए रखी और कभी भी अपने पथ से विचलित नहीं हुए। उन्होंने सदा संकटों के समय में देवीय चमत्कारों के अनुभूति की।
वहीं दूसरी ओर विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान कुरुक्षेत्र के निदेशक डा. रामेंद्र सिंह ने कहा कि यह पारलौकिक शक्ति के प्रति आस्था विश्वास और संबल ही लेखक डा. जय भगवान सिंगला को अपराजेय व्यक्तित्व से विभूषित करती रहती है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक पाठकों को भी ऊर्जावान बनाने में अवश्य उपयोगी सिद्ध होगी और उनके अंतर्मन में ईश्वर के प्रति आस्था जगाएगी। इस अवसर पर डा. केवल कृष्ण ने कहा कि जय भगवान सिंगला एक प्रेरक पुरुष हैं। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
वे पारिवारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक एवं अध्यात्म के क्षेत्र में अग्रसर हैं। विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अहम भूमिका निभाना कोई जय भगवान सिंगला जी से सीखे। हमें सदा उनसे प्रेरणा मिलती रहती है। इस अवसर पर जय भगवान सिंगला ने सभी अतिथियों का धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि यह मुझ पर मां भगवती की असीम कृपा है जो मुझे लिखने की प्रेरणा देती रहती है। इस अवसर पर हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व निदेशक डा. विजय दत्त शर्मा, हरियाणा संस्कृत अकादमी के पूर्व निदेशक डा. सुधीर कुमार व हिंदी विभाग कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष डा. बाबूराम इत्यादि मौजूद रहे।