न्यूज डेक्स राजस्थान
जयपुर। सांसद नीरज डांगी के लिखित प्रश्न का जवाब देते हुए केन्द्रीय पर्यटन मंत्री ने बताया कि राजस्थान में कुल 163 केन्द्रीय रूप से संरक्षित स्मारक है। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा उपलब्ध करवायी गयी जानकारी के अनुसार विगत 3 वर्षो में इनके रख-रखाव पर 30.42 करोड रूपये का व्यय किये गये है। जिसका अधिकांश हिस्सा कर्मचारियों के वेतन भत्तों पर खर्च है। इसके विपरीत इन स्मारकों से 19.42 करोड रूपये को राजस्व प्राप्त हुआ हैं।
डांगी ने बताया कि सरकार की इन संरक्षित स्मारकों से राजस्व बढ़ाने की कार्य योजना का अभाव स्पष्ट झलकता है। राजस्व बढाने के लिए विभाग द्वारा प्राचीन स्थल भानगढ, आभानेरी बावडी और अजमेर की बारादरी पर पर्यटकों के लिए टिकट लगा कर खाना पूर्ति कर दी गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि इन संरक्षित स्मारकों के रख-रखाव के प्रति गंभीरता से काम करे तथा राजस्थान की इन ऎतिहासिक धरोहर को सहेजकर पर्यटकों के दृष्टिकोण से विकसित करें।
उल्लेखनीय है कि सांसद नीरज डांगी ने राज्यसभा में लिखित प्रश्न के माध्यम से राजस्थान में संरक्षित स्मारकों की सुरक्षा एंव रखाव, संरक्षित स्मारकों की कुल संख्या और विभिन्न स्थानों पर स्थित स्मारकों की विस्तृत जानकारी, विगत 3 वर्षो में उक्त स्मारकों की सुरक्षा और उनकी देख-रेख पर पर्यटन विभाग, भारत सरकार द्वारा किये गये व्यय की जानकारी मांगी थी। डांगी ने राजस्थान के संरक्षित स्मारकों से अर्जित किये गये राजस्व एवं अर्जित होने वाले राजस्व को बढ़ाने हेतु भारत सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों का भी विस्तृत ब्यौरा मांगा था।
डांगी के सवाल का जवाब देते हुए केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि भारत सरकार द्वारा ललित कला अकादमी, कला क्षेत्र प्रतिष्ठान आदि विभिन्न संस्थानों के माध्यम से दृश्य कला प्रदर्शन के संवर्धन का कार्य किया जाता है। डांगी ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री विगत 5 वर्षो के दौरान इस क्षेत्र मे गैर-सरकारी संगठनों को जारी की गई धनराशि एंव नये सांस्कृतिक संस्थानों की स्थापना की स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं करवा पाये।
डांगी के एक अन्य प्रश्न के जरिये केन्द्रीय कला एवं संस्कृति मंत्री से विगत 5 वर्षो के दौरान सरकार द्वारा देश में भारतीय संस्कृति के संरक्षण- संवर्धन करने के लिए उठाये गये कदमों की जानकारी तथा इस अवधि के दौरान भारतीय संस्कृति के संवर्धन और इसके बारे में जागरूकता का सृजन करने के लिए तैयार किये कार्यक्रमों का ब्यौरा मांगा गया था। डांगी ने विगत 5 वर्षो के दौरान भारतीय संस्कृति के संवर्धन के प्रयोजन हेतु गैर-सरकारी संगठनों को जारी की गई धनराशि का राज्य एवं संघ शासित राज्य वार विस्तृत ब्यौरा भी मांगा है।