मंच पर कैप्टन अमरिंदर सिंह की मुस्कुराहट और जगजीत सिंह की गजल तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो, क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो
न्यूज डेक्स पंजाब
चंडीगढ़।पंजाब में आज से कैप्टन मतलब सूबे के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह नहीं,बल्कि पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष का कार्यभार संभालने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू हो चुके हैं। सियासत की शतरंज में जिस तरह राजा पीछे आया है,सचमुच वो किसी मिस्ट्री से कम नहीं है। ना माफी,ना मनुहार सीधा चाय की प्याली पर दुलार। यह सब कुछ मीडिया के कैमरों में सिद्धू की ताजपोशी से पहले कैद हो रहा था। जो कैप्टन अमरिंदर सिंह राजहठ कर बैठे थे और नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा माफी मांगने की बात पर अड़े थे वो अचानक नरम पड़ गए। एक दिन पहले ही मीडिया में यह बात सामने आ चुकी थी कि शुक्रवार को कांग्रेस भवन में सिद्धू की ताजपोशी पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह शामिल होंगे और हुआ भी वही। उससे पहले एक सियासी रंग यह भी दिखा की सिद्धू कैप्टन के आवास पर रखी गई चाय पर पहुंचे और यहां चरण स्पर्श भी हुआ।
चरण स्पर्श की बात भी तब सामने आई जब ताजपोशी के समय मंच पर बैठीं पंजाब कांग्रेस की दिग्गज नेत्री और पूर्व सीएम राजिंदर कौर भट्ठल एवं अन्य नेता के सिद्धू ने पांव छुए,मगर कैप्टन के नहीं। तब यह बात सामने आई कि सिद्धू सुबह कैप्टन के आवास पर मिलते समय यह परंपरा निभा चुके थे। हालांकि कैप्टन के पांव छूने वाले शाट्स मीडिया के कैमरों में कैद नहीं हुए थे,लिहाजा चर्चा होना लाजिमी भी था। पंजाब के नए प्रदेशाध्यक्ष का कार्यभार संभालने के मौके पर सिद्धू ने अपनी खास शैली में भाषण के साथ अपने चिरपरिचित अंदाज में बैटिंग का सिग्नेचर एक्शन भी दिखाया,जो वे अमूमन पहले भी कई मर्तबा करते दिखाई दे चुके हैं।
मगर क्रिकेट और सियासत की क्रीज में फर्क होता है। क्रिकेट के मैदान पर ज्यादातर हकीकत होता है और सियासत के खेल में जो दिखता है, वो होता नहीं और जो होता है, वह दिखता नहीं। यही चित्रण कांग्रेस के मंच पर दिखा,जिन कैप्टन अमरिंदर को चंद घंटे पहले तक सिद्धू फूटी आंख नहीं सुहाते थे,उनके चेहरे पर स्वर्गीय जगजीत सिंह की गजल की वो पंक्तियां…तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो,क्या गम है,जिसको छुपा रहे हो…सटीकता के साथ तैरती नजर आई। कैप्टन अमरिंदर इस मौके पर मंच पर बैठे ना केवल मुस्कुराहट बिखेरते हुए दिखाई दे रहे थे,उन्होंने अपने संबोधन में सिद्धू के पिता द्वारा राजनीति में लाने का श्रेय भी दिया।
बेशक दोनों सिद्धू मंच पर एक साथ थे,मगर दोनों की केमिस्ट्री नहीं दिखी।अभी तो यह शुरुआत है, पर कांग्रेस लिए राहत यह है पार्टी वर्कर और विपक्ष को एकजुटता का संदेश देने में काफी हद तक यह सफल शो रहा। इसमें सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी की बड़ी भूमिका रही। पहला दिन कुछ वादों इरादों के साथ कांग्रेस के लिए काफी राहतभरा था,मगर इसके साइड इफेक्ट एक्शन और ड्रामा के साथ अगले दिनों में नए नए रंगों में दिख सकते हैं।
मंच से शब्दों की धुआंधार बैटिंग करते हुए सिद्धू ने कार्यकर्ता को समंदर कहा और खुद को दरिया,उन्होंने कहा कि आज यह दरिया समंदर में आकर गिर चुका है। उन्होंने कहा कि प्रधान मैं नहीं,कांग्रेस का प्रत्येक कार्यकर्ता है।उन्होंने जोरदार लहजे में दिल्ली माडल को भी लपेट लिया। उनका इशारा आने वाले विधानसभा चुनाव की ओर था। उन्होंने कहा कि अब पंजाब जीतेगा और पंजाबी जीतूगा।उन्होंने कार्यकर्ताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सिद्धू ने कहा कि 15 अगस्त से उनका बिस्तर कांग्रेस भवन में लग जाएगा। उन्होंने सरकार मंत्रियों से भी अपील की कि वे वहां पहुंचे और कार्यकर्ताओं की सुने।