विद्यापीठ में मंत्रोच्चारण के साथ हुआ शिष्यों का उपनयन संस्कार
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से जयराम विद्यापीठ की यज्ञशाला में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गुरुकुल परम्परा के अनुसार 21 ब्रह्मचारियों का विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ उपनयन जनेऊ संस्कार हुआ। यह उपनयन संस्कार जयराम संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य रणबीर भारद्वाज तथा वेदाचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार शास्त्री द्वारा अन्य प्राध्यापकों के साथ पूरे विधि विधान के साथ किया गया। इस मौके पर ब्रह्मचारियों को गुरुजन द्वारा गायत्री मंत्र भी प्रदान किया गया। इस अवसर प्राचार्य रणबीर भारद्वाज तथा वेदाचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार शास्त्री ने बताया कि गुरु-शिष्य परंपरा भारतीय संस्कृति के अनुसार लाखों वर्षों से चली आ रही अद्वितीय परंपरा है।
उन्होंने बताया जब जब राष्ट्र और धर्म पर जब संकट मंडरा रहा हो, तब सुव्यवस्था बनाने का महत्वपूर्ण कार्य गुरु-शिष्यों ने किया है, यह गौरवशाली इतिहास भारत को मिला हुआ है। प्राचार्य रणबीर भारद्वाज ने बताया भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन, चाणक्य ने सम्राट चंद्रगुप्त तथा समर्थ रामदासस्वामी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के माध्यम से तत्कालीन दुष्प्रवृत्तियों का निर्मूलन किया तथा आदर्श धर्माधारित राज्यव्यवस्था की स्थापना की थी । ऐसी महान गुरुपरंपरा की विरासत की रक्षा करने तथा श्रीगुरु के चरणों में शरणागत भाव से कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है। इस अवसर पर यज्ञ में भी आहुतियां डाली गई। इस अवसर पर ट्रस्टी के. के. कौशिक, राजेश सिंगला, सतबीर कौशिक, ब्रह्मचारी रोहित कौशिक, प्रवीण मिन्हास, राम जुआरी, कमल शर्मा, पुरुषोत्तम, रामपाल, दीपक शास्त्री इत्यादि मौजूद थे।