न्यूज डेक्स संवाददाता
चंडीगढ़। चंडीगढ़ डिफेंस एकेडमी में फिजिकल ट्रेनिंग शुरू होने पर स्टूडेंट्स के चेहरे खिल उठे। दरअसल एन डी ए में फिजिकल फिटनेस है जरूरी,किसी भी परीक्षा में सफलता उन्हीं स्टूडेंट्स को मिलती है, जो मानसिक रूप से मजबूत होते हैं। लेकिन एनडीए की परीक्षा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं से काफी अलग होती है। अन्य परीक्षाओं में जहां मानसिक मजबूती देखी जाती है, तो वहीं इस परीक्षा में शारीरिक और मानसिक दोनों की मजबूती आवश्यक है। यही कारण है कि इस परीक्षा में उत्तीर्ण होनेवाले स्टूडेंट्स कम उम्र में ही सैन्य अधिकारी बन जाते हैं। अगर आप में भी ऑफिसर्स लायक क्वालिटी है और ऑफिसर बनकर देश की बेहतर सेवा करना चाहते हैं, तो आपके लिए बेहतरीन अवसर है।
अपेक्षित योग्यता एनडीए की ताजा परीक्षा के लिए केवल वही अविवाहित पुरुष अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं, जिनकी उम्र साढे सोलह से उन्नीस वर्ष के बीच हो। सेना के तीनों अंगों के लिए पूर्णतया स्वस्थ अभ्यर्थियों की लंबाई कम से कम 157.5 सेंटीमीटर (एयरफोर्स के लिए 162.3 सेंटीमीटर) और इसी अनुपात में वजन होना चाहिए। इसके अलावा, एयरफोर्स एवं नेवी के लिए फिजिक्स व मैथमेटिक्स विषयों के साथ 12वीं उत्तीर्ण होना चाहिए। हालांकि, आर्मी विंग के लिए किसी भी स्ट्रीम से बारहवीं पास युवा आवेदन कर सकते हैं। जो युवा बारहवीं की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं, वे भी इस प्रतियोगिता परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। यद्यपि उन्हें एसएसबी इंटरव्यू के समय 12वीं उत्तीर्ण करने का प्रमाण पेश करना होगा।
प्लानिंग से बनेगी बात एनडीए परीक्षा में दो विषयों की कुल 900 अंकों की परीक्षा होती है-पहला, मैथमेटिक्स और दूसरा जनरल एबिलिटी टेस्ट। दोनों के ढाई-ढाई घंटे के पेपर होंगे। मैथमेटिक्स का पेपर 300 और जनरल एबिलिटी का पेपर 600 अंक का होगा। सभी प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप के होंगे और गलत उत्तरों के लिए अंक काटे जाएंगे। इसकी तैयारी के लिए प्लानिंग बनानी होगी और उसी के अनुरूप तैयारी करनी होगी।
असली परीक्षा है ओएलक्यू रिटेन टेस्ट क्लियर करने वाले अभ्यर्थियों को सेना के सर्विस सिलेक्शन बोर्ड यानी एसएसबी द्वारा इंटरव्यू और व्यक्तित्व परीक्षण के लिए कॉल किया जाता है। परीक्षा के इस चरण का मुख्य उद्देश्य अभ्यर्थी की पर्सनैलिटी, उसकी बुद्धिमत्ता और सेना में एक ऑफिसर के रूप में उसकी ऑफिसर लायक क्वालिटी (ओएलक्यू) को जांचना-परखना होता है। एसएसबी के सेंटर देश के कई शहरों में स्थित हैं और अभ्यर्थी को उसके निकटवर्ती सेंटर पर ही बुलाया जाता है। आमतौर पर एसएसबी इंटरव्यू पांच दिनों का होता है, लेकिन इसमें पहले दिन स्क्रीनिंग टेस्ट ही होता है, जिसमें साइकोलॉजिकल टेस्ट लिया जाता है। स्क्रीनिंग टेस्ट में फेल होने वाले अभ्यर्थियों को वापस भेज दिया जाता है। शेष को अगले चार दिन तक कई टेस्ट देने होते हैं। इस दौरान उनका ग्रुप डिस्कशन यानी जीडी, साइकोलॉजिकल टेस्ट, इंटरव्यू बोर्ड तथा ग्रुप टास्क ऑफिसर द्वारा अलग-अलग तरीके से आकलन किया जाता है और उनकी ओएलक्यू को जांचा-परखा जाता है।
खास ट्रेनिंग से निखरती है स्किल एनडीए परीक्षा के आधार पर अंतिम रूप से चुने गए अभ्यर्थियों को नेशनल डिफेंस एकेडमी, खड्गवासला, पुणे में तीन वर्ष की ट्रेनिंग दी जाती है। खास बात यह है कि इस तीन वर्ष की ट्रेनिंग के दौरान वे अपनी स्ट्रीम के अनुसार ग्रेजुएशन की पढाई भी पूरी करते हैं। इसके लिए उनके पास फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स एवं कंप्यूटर साइंस विषयों के साथ बीएससी का या पॉलिटिकल साइंस, इकोनॉमिक्स, हिस्ट्री आदि विषयों के साथ बैचलर ऑफ आर्ट्स यानी बीए का विकल्प होता है। एनडीए में तीन वर्ष की ट्रेनिंग के उपरान्त कैडेट्स को उनके द्वारा चुनी गई विंग की विशेष जानकारी के लिए स्पेशल ट्रेनिंग पर भेजा जाता है। इसके तहत आर्मी के लिए चयनित कैंडिडेट्स को इंडियन मिलिट्री एकेडमी (देहरादून), एयरफोर्स के कैंडिडेट्स को एयरफोर्स एकेडमी (हाकिमपेट) तथा नेवी के लिए चुने गए कैंडिडेट्स को नेवल एकेडमी (लोनावाला) भेजा जाता है। ट्रेनिंग के सभी चरणों को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले कैडेट्स को अंतत: उनके द्वारा चुने गए सेना के किसी एक विंग में कमीशंड ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया जाता है।