न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। कारगिल विजय दिवस पर एक पेड़ शहीद के नाम अभियान के तहत कुरुक्षेत्रा नर्सिंग होम और गांव कलसाना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शहीदों के नाम पौधे लगाए गए। संस्थाओं ने शहीदों के नाम पर लगाए गए पौधों की देखरेख करने का जिम्मा भी उठाने का आश्वासन दिया। नर्सिंग होम में अभियान के सचिव उज्जवल वर्मा की देखरेख में संपन्न हुआ। नर्सिंग होम में जहां संचालक डा. सुभाष चंद्र गर्ग ने अपनी टीम के साथ शहीद संजीव कुमार के नाम से पौधा लगाया। वहीं कलसाना के स्कूल में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सतनाम भट्टी ने शहीद जसविंद्र सिंह के नाम से रुद्राक्ष का पौधा लगाया।
कुरुक्षेत्र नर्सिंग होम संचालक डा. सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीद हमारे लिए धरोहर हैं। शहीद हमारी सुरक्षा के लिए हंसते-हंसते अपनी जान दे देते हैं लेकिन कभी भी देश की सीमा पर आंच नहीं आने देते। ऐसे में हमें भी उनकी इस कुर्बानी को याद रखना चाहिए। एक पेड़ शहीद के नाम अभियान के संयोजक उज्जवल वर्मा ने जब अस्पताल में शहीद के नाम से पौधा लगाने की बात की तो लगा कि हम सब अपनी निजी जिंदगी में उलझ कर रह जाते हैं। जबकि हमारा सामाजिक दायित्व भी बनता है। हमें उन शहीदों को कभी भूलना नहीं चाहिए। इसलिए अस्पताल में शहीद संजीव के नाम से पौधा रोपित किया गया है ताकि यहां आने वाले लोग इस पौधे को बड़ा होते देखें और वृक्ष बनने पर इसकी छांव का आनंद लेकर शहीद को याद करें।
वहीं दूसरी ओर गांव कलसाना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शहीद जसविंद्र सिंह की याद में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सतनाम भट्टी ने रुद्राक्ष का पौधा लगाया। उन्होंने कहा कि शहीद किसी एक गांव, शहर, जिला या प्रदेश का नहीं होता। शहीद पूरे देश का होता है। इसी तरह वह किसी एक परिवार का नहीं होता वह हम सबका है। वहीं प्रिंसिपल एसएस आहुजा ने बताया कि एक ईंट शहीद के नाम अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजीव राणा ने एक पेड़ शहीद के नाम अभियान की शुरुआत की है। अभियान के संयोजक उज्जवल वर्मा ने बताया कि इस अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री मनोहर लाल व खेल मंत्री संदीप सिंह ने मुख्यमंत्री निवास पर पौधारोपण करके की थी, जबकि कुरुक्षेत्र से इस अभियान की शुरुआत महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत बंशी पुरी महाराज ने रविवार को पौधा रोपित करके की थी। इस दौरान सत्याभूषण सैनी, पवन मित्तल, जसबीर राणा, गंगाधर, अशोक कश्यप, रविंद्र मौजूद रहे।