Thursday, November 21, 2024
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बॉयो मॉस वेस्ट प्लांट से पहले साल से ही पैदा होगी 8 करोड़ यूनिट बिजली,कुरुक्षेत्र जिले से 1 लाख मीट्रिक टन पराली का होगा प्रबंधन

by Newz Dex
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छज्जूपुर गांव में लग रहे प्लांट से रोजाना पैदा होगी 15 मेगावाट बिजली

प्लांट को जोड़ा जाएगा मलिकपुर गांव के फीडर से

प्रशासन ने दिसम्बर माह तक प्लांट के कार्य को पूरा करने की दी अनुमति

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। पिहोवा के छज्जूपुर गांव में बन रहे बॉयो मॉस वेस्ट प्लांट से पहले साल से ही 8 करोड़ यूनिट बिजली पैदा की जाएगी। इसके बाद इसके आंकड़े में हर साल इजाफा होगा। इस प्लांट से 8 करोड़ यूनिट बिजली पैदा करने के लिए 1 लाख मीट्रिक टन पराली का प्रबंधन होगा। इस पराली को कुरुक्षेत्र के किसानों से खरीदा जाएगा। इस प्लांट के लगने से किसानों को खेतों में खड़े फानों को आग लगाने की नौबत नहीं आएगी, जब पराली को आग नहीं लगेगी तो निश्चित ही कुरुक्षेत्र का पर्यावरण भी स्वच्छ होगा।

उपायुक्त मुकुल कुमार ने बातचीत करते हुए कहा कि पिहोवा के गांव छज्जूपुर में बॉयो मॉस वेस्ट प्लांट प्रोजैक्ट को स्थापित करने का कार्य चल रहा है। इस प्लांट के निर्माण कार्य को 19 जून 2021 तक पूरा किया जाना था, लेकिन कोविड-19 के कारण यह प्रोजैक्ट निर्धारित समयावधि मे ंपूरा नहीं हो पाया। अब इस प्रोजैक्ट को दिसम्बर 2021 तक पूरा करने की अनुमति दी गई है। यह कुरुक्षेत्र का एक बहुत बड़ा प्रोजैक्ट है। इस प्रोजैक्ट को हरेका की तरफ से भी तकनीकी सहायता और अन्य प्रकार का सहयोग किया जा रहा है। इस प्रोजैक्ट का निर्माण हिन्द समाचार लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।

इस प्रोजैक्ट से प्रतिदिन 15 मेगावॉट बिजली तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रोजैक्ट के लिए वर्ष 2020-21 में किसानों से 43 हजार मीट्रिक टन पराली खरीदी गई थी और इस वर्ष 2021-22 में 1 लाख मीट्रिक टन पराली खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस प्लांट में प्रथम 8 करोड़ यूनिट बिजली तैयार की जाएगी। इसके बाद इस प्लांट की कैपेस्टि हर साल बढ़ती जाएगी। इस प्लांट को मलिक पुर गांव के बिजली फीडर के साथ जोड़ा गया है।

यह प्लांट कई एकड़ में स्थापित किया गया है। इस प्लांट के लगने से जहां बिजली की पैदावार होगी वहीं रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। सबसे ज्यादा फायदा किसानों को होगा। इस प्लांट के प्रबंधकों द्वारा किसानों से पराली खरीदी जाएगी और इससे पराली का प्रबंधन भी हो पाएगा। इसी लक्ष्य को जहन में रखकर सरकार इस प्रकार के प्रोजैक्ट को स्थापित करने के लिए प्रेरित कर रही है।

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