Friday, November 22, 2024
Home haryana व्यायाम, ध्यान एवं जागरूकता से कैंसर से बचा जा सकता है : डॉ. एमडी रे

व्यायाम, ध्यान एवं जागरूकता से कैंसर से बचा जा सकता है : डॉ. एमडी रे

by Newz Dex
0 comment

विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान में ‘‘कैंसर से सम्बन्धित बहुस्तरीय मुद्दों पर जागरुकता कार्यक्रम’’ आयोजित

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान, कुरुक्षेत्र, यूनिवर्सल यूनिटी ट्रस्ट, नई दिल्ली एवं प्रेरणा संस्था के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘कैंसर से सम्बन्धित बहुस्तरीय मुद्दों पर जागरुकता कार्यक्रम’’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में एम्स, नई दिल्ली के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. एम.डी. रे मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. सुरेन्द्र मेहता. एम.एस. ने की। कार्यक्रम में सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र नई दिल्ली के पूर्व निदेशक गिरीश जोशी, प्रेरणा संस्था के संस्थापक जयभगवान सिंगला, संस्थान के शोध निदेशक डॉ. हिम्मत सिंह सिन्हा, यू.आई.ई.टी. के निदेशक डा. सी.सी. त्रिपाठी, कुवि परीक्षा नियंत्रक डॉ. हुकम सिंह, चिकित्सक डॉ. आर.़ऋषि भी उपस्थित रहे। विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के निदेशक डॉ. रामेन्द्र सिंह ने मुख्य वक्ता एवं अन्य अतिथियों का परिचय कराया। कार्यक्रम का संचालन वी.डी. शर्मा ने किया।

कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. एम.डी. रे ने कैंसर क्या है, इसके कारण और निदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज की बदलती जीवन शैली में एवं अस्त-व्यस्त दिनचर्या में कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। भारतवर्ष में पुरुष वर्ग में ओरल कैंसर तो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर अधिक हो गया है। कैंसर के कारणों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि हम जो सोचते हैं, जो करते हैं और जो खाते हैं, ये तीन चीजें कैंसर को प्रभावित करती हैं। शरीर में कोई भी अवांछित क्रिया कैंसर का रूप ले सकती है। शरीर में सूजन, मोशन पास न होना, खांसी का अधिक दिनों तक रहना, घाव का बहुत दिनों तक रहना, खाने का मन न करना, स्वतः ही वजन कम होना, इन कारणों को कम नहीं समझना चाहिए वरन् तुरंत डाक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। शरीर में किसी भी प्रकार की गांठ बन जाने को सहज नहीं लेना चाहिए। यह तब और गंभीर रूप ले सकती है जबकि इसमें कोई दर्द न हो। परिवार में किसी को कैंसर हुआ हो तो उसका केवल 5-10 प्रतिशत ही आगे किसी को यह बीमारी होने का अंदेशा हो सकता है। जो व्यक्ति मांसाहारी हैं, उनमें कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि भारत में अभी भी 1 लाख 20 हजार ओरल कैंसर के रोगी हैं। यदि हम किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन बंद कर दें तो 80 प्रतिशत कैंसर से बच सकते हैं। शुरुआती स्तर पर ही कैंसर का पता चल जाए तो इस पर लगभग 95 प्रतिशत काबू पाया जा सकता है।


उन्होंने कैंसर के उन्मूलन के लिए एलोपेथी, आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथी पद्धतियों का जिक्र करते हुए कहा कि इस बीमारी के निवारण के लिए किसी भी प्रकार की पद्धति अपनाई जा सकती है लेकिन वह साइंटिफिक रूप से होनी चाहिए। कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी आदि का उल्लेख करते हुए डॉ. एम.डी. रे ने कहा कि इनकी शुरुआत करने से पहले बायोप्सी अवश्य करनी चाहिए।  डॉ. एम.डी. रे ने कहा कि कैंसर के निदान में व्यक्ति का मानसिक स्तर बहुत निर्भर करता है। शारीरिक व्यायाम, मेडीटेशन और जागरूकता के माध्यम से कैंसर जैसी बीमारी से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह बीमारी अवश्य ही जानलेवा है लेकिन हमें इससे डरने की जरूरत नहीं है। कम से कम हम अपने जीवन स्तर में सुधार करके इस बीमारी को दूर भगा सकते हैं। उन्होंने ज्ञानवर्द्धक जानकारी देते हुए कहा कि मनुष्य का दिमाग एक खूबसूरत बगीचा है, इसमें हम जैसा सोचेंगे, वैसा ही होगा। जिंदगी में स्वयं भी खुश रहें और दूसरों को भी खुश रखें। अपना सामाजिक जीवन स्तर अच्छा बनाएं। कार्यक्रम के अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. रामेन्द्र सिंह ने डॉ. एम.डी. रे को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में प्रेरणा संस्था के संचालक जयभगवान सिंगला ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

You may also like

Leave a Comment

NewZdex is an online platform to read new , National and international news will be avavible at news portal

Edtior's Picks

Latest Articles

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00