डिप्टी सीएम चौटाला ने कहा कहां हुआ घोटाला
न्यूज डेक्स हरियाणा
चंडीगढ़, 27 अगस्त। हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि कोविड-19 के दौरान हरियाणा के आबकारी विभाग ने रिकॉर्ड राजस्व क्लेक्शन किया है, इससे पहले एक्साइज-वर्ष की पहली तिमाही में इतना राजस्व कभी नहीं आया। चौटाला आज यहां हरियाणा निवास में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उप-मुख्यमंत्री,जिनके पास आबकारी एवं कराधान विभाग भी है, ने बताया कि हरियाणा के आबकारी विभाग ने एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन में नया रिकॉर्ड बनाया है।
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन व कोरोना संक्रमण की वजह से न तो रेल सेवा चल रही थी और न ही मल्टी नेशनल कंपनियों में काम हो रहा था। ऐसे में आबकारी विभाग के सामने राजस्व बढ़ाना सबसे बड़ी चुनौती थी। पिछले वर्ष की तिमाही के मुकाबले अलग-अलग मदों में विभाग ने इस तिमाही में 262 करोड़ 98 लाख 42 हजार 438 रुपये अतिरिक्त कमाए हैं। इसमें एक्साइज व एडिशनल एक्साइज ड्यूटी के अलावा परमिट व रिटेल लाइसेंस फीस भी शामिल है।
उन्होंने कुछ लोगों द्वारा आबकारी विभाग में घोटाला के लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आबकारी विभाग में इतना राजस्व क्लेक्शन कभी नहीं हुआ जितना कोरोना काल में हुआ है, तो फिर घोटाला कहां हुआ। श्री चौटाला ने विपक्ष द्वारा प्रचारित कथित शराब घोटाले की पोल खोल कर रख दी। आंकड़ों एवं तथ्यों का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रदेश के गठन से लेकर आज तक इस वर्ष पहला ऐसा अवसर आया है जब सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी की पहली ही तिमाही में 27 करोड़ रुपये से अधिक की एडिशनल एक्साइज ड्यूटी प्राप्त की है। यह एक्साइज ड्यूटी पिछले वर्ष की प्रथम तिमाही के मुकाबले 2700 गुणा अधिक है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। वर्ष 2019-20 के दौरान पहली तिमाही में 95 हजार 150 रुपये एडिशनल एक्साइज ड्यूटी सरकार को मिली थी।
उन्होंने बताया कि इससे पहले 2016-17 में पहली तिमाही यानि पहली अप्रैल से 30 जून तक 2 करोड़ 88 लाख 93 हजार 916 रूपये, 2017-18 में 3 करोड़ 1 लाख 97 हजार 448 रूपये तथा 2018-19 में 1 करोड़ 30 लाख 1 हजार 437 रूपये एडिशनल एक्साइज ड्यूटी ली थी।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि लॉकडाउन के चलते इस बार प्रदेश में नई एक्साइज पॉलिसी पहली अप्रैल से लागू नहीं हो पाई थी। अनलॉक पार्ट-1 में सरकार ने 5 मई से ठेकों को खोलने की मंजूरी दी। ऐसे में राज्य में नई एक्साइज पॉलिसी 6 मई से लागू हुई। एक्साइज-वर्ष में भी कैबिनेट ने बदलाव करते हुए इस पॉलिसी को अगले वर्ष 2021 की 5 मई तक के लिए लागू किया है। ऐसे में विभाग ने 6 मई से लेकर अब तक विभाग ने देसी तथा भारत में निर्मित विदेशी शराब से 27 करोड़ 58 लाख 28 हजार 478 रुपये एडिशनल एक्साइज ड्यूटी के जुटाए हैं।
पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जबाव में डिप्टी सीएम ने कहा कि डिस्टलरी से निकलने वाली गाडिय़ों में भी जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम इंस्टॉल होगा। इसके लिए कमेटी बनाई गई है, जो दूसरे राज्यों का भी अध्ययन कर रही है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी लगने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और सितंबर महीने के अंत तक सभी डिस्टलरी में सीसीटीवी लग जाएंगे। जिन क्षेत्रों में डिस्टलरी है उन जिलों के डीईटीसी को निर्देश दिए गए हंै कि हर 15 दिन में डिस्टलरी में जाकर कैमरों को चैक करें। डिप्टी सीएम ने बताया कि इलैक्ट्रॉनिक टेम्पर-प्रूफ फ्लो-मीटर सभी डिस्टलरी में लगाए जा रहे है और उम्मीद है कि अगले एक महीने में फ्लो-मीटर लगा दिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान 27 से 31 मार्च तक परिमट व पास जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ जांच बैठाई गई है और जांच पूरी होते ही दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रिटेल लाइसेंस फीस से मिले 62 करोड़ अधिक
आबकारी विभाग में ऐसा भी पहली बार हुआ है जब पहली ही तिमाही में 62 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रिटेल लाइसेंस फीस पिछले वर्ष के मुकाबले मिली है। पिछले साल पहली तिमाही में विभाग को 1447 करोड़ 43 लाख 41 हजार 549 रुपये रिटेल लाइसेंस फीस से मिले थे। वहीं इस बार इस अवधि में यह फीस 1509 करोड़ 36 लाख 27 हजार 462 रुपये मिली है। इसी तरह से विभाग को इस बार परिमट फीस भी लगभग 4 करोड़ रुपये अधिक मिली है। पिछले वर्ष पहली तिमाही में परमिट फीस से कुल 62 करोड़ 70 लाख रुपये मिले थे और इस बार 66 करोड़ 39 लाख रुपये मिले हैं।
कोविड-सैस से मिले पौने 75 करोड़
डिप्टी सीएम ने बताया कि सरकार ने कोरोना काल के चलते शराब पर ‘कोविड-सैस’ लगाया। कोविड सैस से पहले तीन महीनों में ही एक्साइज विभाग को 74 करोड़ 80 लाख 57 हजार 183 रुपये की कमाई हुई है।