न्यूज डेक्स संवाददाता
बाबैन। विधानसभा क्षेत्र लाडवा के साथ हमेशा ही सौतेला व्यवहार होता आया है जिस कारण लाडवा से विकास का सूखा दूर नहीं हो पाया है। लाडवा के लिए मात्र घोषणाएं हुई और कभी कागजों से बाहर नहीं आ पाई। संदीप गर्ग लाडवा बाबैन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। संदीप गर्ग ने कहा कि लाडवा को विधायक तो सरकार से जुड़े मिलते रहे,लेकिन किसी ने भी लाडवा के लिए संघर्ष नहीं किया। अगर लाडवा की आवाज चंडीगढ़ में उठाई होती तो कुरूक्षेत्र व हरियाणा के नक्षे में लाडवा विधानसभा क्षेत्र कुछ ओर ही तस्वीर होती।
संदीप गर्ग ने कहा कि पिछले कार्यकाल में भाजपा सरकार के विधायक ही इस विधानसभा क्षेत्र के सारथी थे तो भी बड़ी सौगात इस क्षेत्र के लिए नहीं आई। उस समय हवाई अड्डा, ट्रामा सेंटर, बाबैन के लिए कन्या महाविद्यालय बनाने तक के दावे किए गए लेकिन बाबैन खंड में बस अड्डा भी नहीं बना। लाडवा जाम की बड़ी समस्या है बायपास बनाने की मांग दशकों से हो रही है लेकिन किसी भी विधायक ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
संदीप गर्ग ने कहा कि अगर लाडवा हलका की जनता ने आशीर्वाद दिया तो सबसे पहले बाबैन में महिला कालेज बनाने का काम किया जाएगा। गर्ग ने कहा कि इनेलो की सरकार के समय में भी लाडवा की झौली खाली रही न ही नौकरियों में हिस्सेदारी मिली, न विकास में और न ही ही कोई कारखाना यहां लगाया गया। संदीप गर्ग बोले कि कांग्रेस के समय भी लाडवा के लिए घोषणाओं की पिटारी में से कागजों के ढेर ही निकले।
उन्होंने कहा कि यह इस क्षेत्र की जनता की उपेक्षा है और अगर कहा जाए कि कुरूक्षेत्र जिला की विधानसभाओं में से लाडवा फीसडी है तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। गर्ग ने कहा कि दुर्भाग्य है कि लाडवा के कईं गांवों ऐसे हैं जहां आज भी बसें नहीं पहुंचती। अगर स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो लाडवा का सीएचसी मात्र रेफर अस्पताल है। उन्होंने कहा कि यहां के साक्षर युवाओं के लिए रोजगार की आवाज उठाना तो दूरी की बात यहां की बेटियां काफी समय से राजकीय कन्या महाविद्यालय की प्रतीक्षा कर रही हैं । संदीप गर्ग ने कहा कि विधायक किसी भी पार्टी का हो लेकिन हकों के लिए लड़ाई लडऩी होगी तभी इस क्षेत्र को वर्चस्व मिल पाएगा।