परिजनों व प्रशिक्षक को बधाईयां देने वालों का लगा रहा तांता, पिता मल्खान सिंह और माता नीलम देवी हुए भावुक
कभी हॉकी खरीदने के लिए भी नहीं थे पैसे, वीडियो कान्फ्रेंसिंग से दी बधाई
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र।अगस्त भारतीय हॉकी टीम ने जैसे ही जर्मनी को 5-4 गोल के अंतर से हराया, उसी समय कुरुक्षेत्र के सैक्टर-8 में ढोल धमाकों की गुंज दूर-दूर तक सुनाई दे रही थी। इस गुंज को सुनकर आस-पास के सभी लोग ओलम्पियन सुरेन्द्र कुमार पालड़ के घर पर पहुंचे और सभी लोगों ने परिवार के सदस्यों के साथ भारतीय हॉकी टीम के कांस्य पदक जीतने की खुशियों को सांझा किया। अहम पहलू यह है कि ओलम्पियन के साथी और जूनियर हॉकी खिलाड़ियों ने ढोल की थाप पर नाचकर अपनी खुशियों का इजहार किया। इसके साथ ही परिजन भी इन खिलाडिय़ों के साथ खुशी में सरीक हुए।
इतना ही नहीं विधायक सुभाष सुधा और उपायुक्त मुकुल कुमार भी बधाई देने के लिए घर पहुंचे और खेलमंत्री संदीप सिंह ने परिजनों को शुभकामनाएं दी है। शुक्रवार को सुबह 7 बजे से ही ओलम्पियन सुरेन्द्र कुमार के पिता मल्खान सिंह, माता नीलम देवी, भाई नरेन्द्र कुमार काला, कुसुम रानी, नाक्ष चौधरी के साथ-साथ सुरेन्द्र कुमार के साथी और जूनियर हॉकी खिलाड़ी टीवी के सामने बैठ गए और भारत व जर्मनी के मैच के हर क्षण टकीटकी लगाकर देखा। इस मैच के अंतिम 6 सैंकिंड तक सभी की सांसे अटकी रही और जैसे ही मैच का समय पूरा हुआ तो सभी लोग खुशी से झूम उठे।
ओलम्पियन सुरेन्द्र कुमार के परिजनों ने एक-दूसरे को गले लगाकर बधाईयां दी, वहीं ओलम्पियन के प्रशिक्षक गुरविन्द्र सिंह अपने प्रशिक्षक साथियों के साथ साई में मैच देखने के बाद खुशियों को सांझा किया। इसके साथ ही वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए ओलम्पियन सुरेन्द्र कुमार के साथ परिजनों ने बातचीत की और पूरी टीम को बधाईयां दी है। पिता मल्खान सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि एक समय ऐसा था, जब सुरेन्द्र के पास हॉकी खरीदने के लिए भी पैसा नहीं थे, एक छोटा सा किसान होने के बाद भी अपने बेटे सुरेन्द्र और नरेन्द्र को हमेशा हॉकी खेलने के लिए प्रोत्साहित किया।
सुरेन्द्र ने जी जान से मेहनत की और जिसका नतीजा आज सबके सामने है। उन्होंने कहा कि हॉकी के मैच के समय वे इधर-उधर घूमने का प्रयास करते थे। इस जीत ने एक नया इतिहास रचने का काम किया है। इसके लिए पूरी भारतीय हॉकी टीम बधाई की पात्र है और उन्हें अपने बेटे सुरेन्द्र कुमार पर पूरा गर्व है। उन्होंने सुरेन्द्र के प्रशिक्षक गुरविन्द्र सिंह को भी बधाई दी और कहा कि प्रशिक्षक गुरविन्द्र सिंह की मेहनत रंग लाई है, आज उनका शिष्य देश के लिए मैडल जीतकर आया है। इस मैडल से कुरुक्षेत्र ही नहीं पूरा हरियाणा खुशियां मना रहा है।
शादी होने पर भी इतनी खुशी नहीं हुई, जितने बेटे के मैडल जीतने पर हुईओलम्पियन सुरेन्द्र कुमार पालड़ की माता नीलम देवी ने कहा कि बेटे सुरेन्द्र कुमार पालड़ ने देश के लिए कांस्य पदक जीतकर उनका सर गौरव से उंचा कर दिया है। इस जीत और मैडल हासिल करने पर इतनी खुशी हुई है, जितनी खुशी उन्हें अपनी शादी के समय भी नहीं हुई थी। आज उनके बेटे ने उनकी इच्छा को पूरा कर दिया है। आज पूरा देश भारतीय हॉकी टीम की जीत का जश्न मना रहा है।