न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। कॉस्मिक एस्ट्रो के डायरेक्टर व श्री दुर्गा देवी मन्दिर पिपली (कुरुक्षेत्र) के अध्यक्ष डॉ. सुरेश मिश्रा ने बताया कि श्रावण कृष्ण अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार सावन में प्रकृति पर आई बहार की खुशियों को मनाने का प्रतीक है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को प्रकृति के समीप लाना है। विशेष छायादार व फलदायक पेड़ लगाकर वातावरण को शुद्ध बनाये।
रविवार 8 अगस्त 2021 को श्रावण मॉस के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि रवि पुष्य नक्षत्र ,व्यतिपात योग और कर्क राशि में चन्द्रमा विशेष फल दायक है I इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा कर उसके फेरे लगाने तथा मालपुए का भोग लगाने की परंपरा है। धार्मिक मान्यता अनुसार वृक्षों में देवताओं का वास बताया गया है। शास्त्र अनुसार पीपल के वृक्ष में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु व शिव का वास होता है। पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए ही हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षारोपण करने की प्रथा भी बनी हुई है ।
इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करके आपको लाभ मिलेगा :
1. हरियाली अमावस्या के दिन सूरज ढलने के बाद खीर बनाएं और उसे भगवान शिव जी को चढ़ाएं।
2. शाम को घर के मुख्य द्वार पर पितरों के आशीर्वाद प्राप्ति के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
3. इस दिन हनुमान जी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं साथ ही लाल फूल चढ़ाएं, इससे धनलाभ होता है।
4. इस दिन शाम को आखिरी रोटी पर सरसों का तेल लगाकर काले कुत्ते को खिलाएं। इससे शनि दोष दूर होता है और साथ ही आपके घर में हमेशा सुख-शान्ति बनी रहेगी।
5. पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान, पूजा पाठ, ब्राह्मणों को भोजन आदि कराना चाहिए।
6 . प्रत्येक वर्ष हरियाली अमावस्या पर एक पेड़ लगाना चाहिए।