Friday, November 22, 2024
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सभी विश्वविद्यालयों के वीसी व कुलसचिवों से राज्यपाल ने कौशल विकास से संबंधित ज्यादा से ज्यादा कोर्स स्थापित करने का किया आह्वान

by Newz Dex
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राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय राजभवन में आयोजित कुलपति व कुलसचिवों की एक दिवसीय बैठक के समापन अवसर पर बोल रहे

विश्व स्तरीय कंपनियों में युवाओं की ज्यादा से ज्यादा प्लेसमेंट के लिए कौशल विकास से संबंधित कोर्सों पर दिया जोर

न्यूज डेक्स हरियाणा

चंडीगढ़। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति व कुलसचिवों का आहवान किया है वे विश्वविद्यालयों में कौशल विकास से सम्बन्धित ज्यादा से ज्यादा कोर्स स्थापित करें, ताकि विश्व स्तरीय कंपनियों में युवाओं की ज्यादा से ज्यादा प्लेसमैंट हो। दत्तात्रेय सोमवार को राजभवन में आयोजित कुलपति व कुलसचिवों की एक दिवसीय बैठक के समापन अवसर पर बोल रहे थे। 

आज की इस बैठक में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों सभी कुलपति व कुलसचिवों ने भाग लिया और अपने-अपने विश्वविद्यालयों की गतिविधियों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में पूरी तरह से रोजगारोन्मुखी शिक्षा का प्रावधान किया गया है और इस नीति में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम समाहित किए गए हैं, जिनके लागू करने से देश में रोजगार सर्जन होगा।

उन्होंने कहा कि वर्तमान की जरूरत है कि विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों में कुशल करने के साथ-साथ अध्यापक भी स्किल्ड हों। जिससे जनरेशन गैप पाटा जा सके।दत्तात्रेय ने कहा कि आज देश में प्लेसमैंट की दर बहुत कम है। इस दर को बढ़ाकर 80 प्रतिशत तक लेकर जाना है। यह विशेष रूप से अध्यापकों प्राध्यपकों और प्रशासनिक की जिम्मेवारी है कि वे विश्वविद्यालयों में ऐसे कोर्स शुरू करें जिनसे विद्यार्थियों को ज्यादा-ज्यादा से प्लेसमैंट मिल सके।

राज्यपाल ने सर्टीफिकेट कोर्स व डिप्लोमा शुरू करने की बात कही। उन्होंने विशेष रूप से कृषि, बागवानी, बायोटैक्नोलोजी व अन्य क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार के योग्य बनाया जा सकता है। इस प्रकार के रोजगार से आज कई राज्यों मे बच्चे लाखों-लाखों रूपये मासिक कमा रहे हैं।  उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य के लिए ग्लोबल स्टेट बनने के सभी अवसर हैं। राष्ट्रीय राजधानी के तीन ओर हरियाणा की सीमाएं सटे होने के कारण यहां विश्वस्तरीय संस्थान स्थापित किए जा सकते हैं। इसके लिए विश्वविद्यालयों को ढांचागत सुविधाएं व गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध करवाने के सभी उपाए करवाने होंगे।

उन्होंने  ‘‘अमंत्रमक्षरं नास्ति नास्ति मूलमनौषधम अयोग्यः पुरुषो नास्ति योजकस्तत्र दुर्लभः’’ मंत्र के अर्थ के बारे में बताया और शिक्षाविदों से कहा कि वर्णमाला में सभी शब्दों का प्रयोग होता है। जिस प्रकार से प्रत्येक पोधे की जड़ में एक ओषधि होती है उसी प्रकार प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी कार्य के लिए उपयोगी होता है। उन्होंने इसी मन्त्र के आधार पर विश्वविद्यालयों क कुलपतियों से कहा है कि उपयोगिता अनुसार हर व्यक्ति से कार्य लें और संस्थानों को आगे बढ़ाए।

दत्तात्रेय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सम्बन्ध में तैयार की गई राज्य सरकार की योजनाओं की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और इसके लिए अग्रिम बधाई दी कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरी तरह लागू करने का 2025 तक का लक्ष्य रखा गया है। जबकि केन्द्र सरकार द्वारा 2030 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने सभी कुलपतियों द्वारा दी गई प्रस्तुति से संतुष्टि जताते हुए बताया कि सभी और अधिक जिम्मेवारी से कार्य करें तो प्रदेश युवाओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लाभ मिलेगा। 

इस अवसर पर हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल ने भी सम्बोधित किया और कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरी तरह लागू करने को तैयार है। प्रदेश में पहले से ही सभी तरह की ढांचागत सुविधाएं हैं । इसलिए निश्चित रूप से हरियाणा सरकार 2025 तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करेगी। इस मौके पर हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के चेयरमैंन प्रो. बी.के. कुठियाला ने परिषद् की गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय भारतीय भाषाओं के विस्तार पर बल दें।

इसके साथ-साथ मातृ भाषा का विकास करने के लिए काम करें। इसके साथ-साथ शिक्षा जगत से जुड़े सभी शिक्षाविद कल की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ढांचागत सुविधाएं बढ़ाएं। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 33 प्रतिशत कार्यक्रम लागू हो चुके हैं । उन्होंने विश्वास दिलाया कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति शीघ्र ही शत-प्रतिशत लागू होगी। कार्यशाला के समापन अवसर पर उच्चतर शिक्षा विभाग के महानिदेशक विजय सिंह दहिया ने उपस्थितगण का धन्यवाद किया।

इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम, उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आनन्द मोहन शरण, वन एवं वन्य प्राणी विभाग की प्रधान सचिव व पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की कुलपति डा. जी अनुपमा, उच्चतर शिक्षा विभाग के महानिदेशक विजय सिंह दहिया, राज्यपाल के सचिव अतुल द्विवेदी, राज्यपाल के आई.टी. सलाहकार बी.ए. भानुशंकर व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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