न्यूज डेक्स हरियाणा
चंडीगढ़। हरियाणा के विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को विधायक कुलदीप बिश्नोई ने मंदबुद्धि बोल दिया और कहा कि लोग उन्हें सही कहते हैं कि वह मंदबुद्धि हैं। पिछले कुछ दिनों से बिश्नोई के विधानसभा अध्यक्ष पर लगातार व्यंग्यबाण चल रहे हैं। आज एक ब बार फिर कांग्रेस केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य एवं विधायक कुलदीप बिश्नोई ने स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सत्ता के नशे में चूर होकर वे अमर्यादित एवं अशोभनीय भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। जिस पार्टी का इतिहास ही धोखा व फरेब का रहा हो, उस पार्टी के लोगों से उम्मीद भी यही की जा सकती है। लोग कहते हैं कि ज्ञानचंद गुप्ता मंदबुद्धि है और अब यह साबित भी हो गया है। जब वे पहले ही विधानसभा कमेटियों का हिस्सा बनने से मना कर चुके हैं और कमेटियों से इस्तीफा दे चुके हैं तो वे मुझे क्या हटाएंगे। उनकी मंदबुद्धि यहां भी साबित होती है। वे मुझे कानून ना सिखाएं।
बिश्नोई ने कहा कि वह गुप्ता से कहीं ज्यादा वरिष्ठ हैं और कानून अच्छी से समझते भी हैं तथा कई बार लोकसभा में कानून बनाते वक्त प्रक्रिया का हिस्सा भी रहे हैं। स्पीकर को ज्ञात होना चाहिए कि वे चार चुनाव नहीं, अभी तक छह चुनाव जीते हैं, जिनमें दो लोकसभा भी शामिल हैं। छह चुनाव जीतना घमंड नहीं मेरा स्वाभिमान तथा जनता का आशीर्वाद है। लोगों के समर्थन से वे तो अगली बार भी विधानसभा में दिखेंगे, लेकिन स्पीकर कहां पर होंगे इसका पता नहीं है। जिस पद पर आज वे बैठै हैं, वहां तक वे मेरा सहारा लेकर ही पहुंचे हैं। जिस भारतीय जनता पार्टी को हरियाणा में कोई पूछता नहीं था और उनके नेता मेरे आगे-पीछे घुमते थे उसको सत्ता की राह भी हमने ही दिखाई थी। आज मैं ये चैलेंज करता हूं जहां से मैंने हरियाणा में भाजपा की शुरूआत करवाई थी, हरियाणा की जनता के सहयोग से उसी जगह वापिस उन्हें लेकर जाएंगे। दिखावे, झूठ, फरेब और ढोंग की राजनीति भाजपा करती है, जिसका गवाह मैं स्वयं भी हूं, स्व. बंसीलाल और ओमप्रकाश चौटाला भी रहे हैं। मैंने हमेशा सिद्धांतों और ईमानदारी की राजनीति की है। बात 10 हजार की नहीं है बात सिद्धांतों की है।
आज भाजपा नेताओं की हालत ये हो गई है कि किसी हलके में वे जा नहीं सकते और लोगों से मुंह छिपाते फिर रहे हैं। जहां तक बात अपने हलके की है तो आदमपुर हलके की जनता जानती है कि जो काम वे विपक्ष में रहते हुए भी अपने विधानसभा क्षेत्र में करवाते रहे हैं और करवा सकते हैं, वे काम भाजपा के मंत्री व विधायक सरकार में रहते हुए भी अपने क्षेत्रों में नहीं करवा सकते। आदमपुर मेरी आत्मा में है और मैं आदमपुर के लोगों की आत्मा में हूं। सपने में भी भाजपा वालों को कुलदीप बिश्नोई व आदमपुर ही नजर आता है। आदमपुर ही नहीं, बल्कि हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और पंजाब में भी वे अपने लोगों के कार्य करवाते रहते हैं। इतनी क्षमता वे रखते हैं। ज्ञानचंद गुप्ता को आदमपुर की चिंता छोड़कर अपने हलके की चिंता करनी चाहिए, जितने काम उन्होंने अपने हलके में करवाए हैं, उससे कहीं ज्यादा वे विपक्ष में रहकर आदमपुर में करवा चुके हैं।
कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि स्पीकर महोदय इतिहास में भी कमजोर नजर आते हैं। कमेटियों में पद की जहां तक बात है तो उन्हें पता होना चाहिए वे कभी पद के पीछे नहीं भागे। उपमुख्यमंत्री, केन्द्र में मंत्री जैसे पद उन्होंने ठुकराए हैं। उन्होंने सिर्फ वरिष्ठता व प्रोटॉकाल की बात की है। पहली बार मुख्यमंत्री, विधायक बनने की बात जो वे कह रहे हैं तो वे बताएं कि क्या वे मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी को किसी कमेटी का सदस्य बना सकते हैं।