जल संसाधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने लिया प्रभावित क्षेत्र का जायजा
न्यूज डेक्स संवाददाता
रोहतक। हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के सदस्य मुखतार सिंह लांबा, प्रदेश प्रमुख भूजल संरक्षण विभाग भाजपा एवं पूर्व भूजल वैज्ञानिक नरेंद्र खट्टर व कृषि अधिकारियों ने आज रोहतक के गांव बनियानी, सिंहपुरा कलां, खिडवाली व सांघी के उन कृषि क्षेत्रों का दौरा किया जहां जल भराव तथा सेम की समस्या आम है। वहां के किसानों से बातचीत की और आश्वासन दिया कि आने वाले समय में इन परेशानियों का उचित समाधान निकाला जाएगा।
बनियानी गांव में लगभग हर सीजन में जलभराव की वजह से 70 प्रतिशत फसल खराब हो जाती है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां की जमीन में लवण की अधिकता है जिसकी वजह से बहुत कम फसल हो पाती हैं। गांव सिंहपुरा के किसानों ने बताया कि उनके गांव के निकट से ड्रेन नंबर आठ गुजरती है। बहुत से किसान साथ लगती जमीन का फालतू पानी इस ड्रेन में डाल देते हैं। उससे वहां के खेतों की परेशानी तो दूर हो जाती है लेकिन दूर दराज के खेतों में सेम जस की तस बनी रहती है।
20 वर्ष तक इस क्षेत्र में काम कर चुके पूर्व भूजल वैज्ञानिक नरेंद्र खट्टर ने बताया कि ड्रेन नंबर आठ यहां के लोगों की एक तरह से जीवन रेखा है। यहां के खेतों में ज्यादा पानी हो तो उसमें उलीच देते हैं और जहां गर्मी के दिनों में कम पानी की उपलब्धता हो तो इस ड्रेन से पानी ले लिया जाता है। ड्रेन में ज्यादा पानी तो नहीं होता लेकिन किसानों का काम चल जाता है। सिंहपुरा के किसानों ने बताया कि ड्र्रेन की ठीक से सफाई नहीं हो पाती। आज भी इसमें कई जगह पर जलखुंभी जमा है जिसकी वजह से बरसात के पानी की मुक्कमल निकासी नहीं हो पाती। 1970 से पूर्व इस क्षेत्र में चने की खेती होती थी लेकिन सेम आ जाने से वह बंद हो गई है।
कृषि विभाग ने बिछाई हैं पाइप लाइन
भूमि संरक्षण अधिकारी नीना गुप्ता ने बताया कि सेम से समस्या से निजात दिलाने के लिए कृषि विभाग की ओर से एचओपीपी योजना के तहत यहां की 30 हजार एकड़ में भूमिगत पाइप लाइन बिछाई गई है। जिसका काफी फायदा तो हुआ है लेकिन इसे पर्याप्त नहीं कहा जा सकता। किसानों ने कई जगह पानी की कुएं भी बनाएं हैं जहां कुछ सेम का पानी एकत्र हो जाता है।
भूजल वैज्ञानिक दलबीर राणा ने बताया कि राज्य में 11 लाख एकड़ में सेम की समस्या है। इसके निराकरण के लिए जो कवायद हुई हैं वे काफी धीमी हैं उनमें तेजी लानी होगी। किसान और सरकार मिलकर इस समस्या से पार पा सकते हैं। उन्होंने बताया कि सांघी व खिडवाली में बहुतायत किसानों ने ट्यूबवेल लगाए हैं।
पानी की अधिक निकासी होने से कई क्षेत्रों का भूमिगत जल स्तर नीचे चला गया है। उसी क्षेत्र में सेम की समस्या भी है। विचित्र स्थिति है कि यहां दोनों तरह की परेशानी है। कई बार तो रबी व खरीफ दोंनों की तरह की फसल को नुकसान हो जाता है। इस मौके पर उनके साथ सोयल सर्वे आफिसर मोनिका व एचओपीपी करनाल के अधिकारी साथ थे। जल संसाधन प्राधिकरण के सदस्य मुखतार सिंह लांबा ने कहा कि वे इस पूरी स्थिति से राज्य सरकार को अवगत कराएंगे और समस्या से निपटने के लिए नए सिरे से कार्य करेंगे।