न्यूज डेक्स राजस्थान
जयपुर। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोरा की अध्यक्षता में बुधवार को स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति की बैठक सम्पन्न हुई ।अरोरा ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे प्लास्टिक कचरे के निस्तारण हेतु राज्य के राजसमन्द जिले व मध्य प्रदेश के भोपाल जिले में किये जा रहे मॉडल व नवाचारों के अध्ययन हेतु अधिकारियों व पंचायती राज संस्थाओं के जन प्रतिनिधियों को एक्सपोजर विजिट करवायी जाये।
अरोरा ने ठोस एवं तरल कचरा प्रबन्धन हेतु आवश्यक संसाधन यथा कचरा पात्र हैण्ड पुशकार्ट, ट्राई साईकिल, ई-गारबेज रिक्शा व इन्सेनिरेटर आदि के क्रय के मुद्दे पर अधिकारियों को निर्देश दिये कि इनका जिला स्तर पर क्रय करने हेतु तय मापदण्ड(स्पेसिफिकेशन) व मॉडल टैण्डर डॉक्यूमेंट भिजवा कर उपापन की कार्यवाही करवाना सुनिश्चित करें । अरोरा ने गांवों में व्यक्तिगत शौचालयों में रेट्रोफिटिगं करवाये जाने हेतु ग्रामवासियों को रेट्रोफिटिगं का प्रशिक्षण दिये जाने पर जोर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत (आवास प्लस) लाभार्थियों के लिए शौचालय निर्माण हेतु स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की तरह मैपिंग करने के निर्देश दिये।
शासन सचिव, पंचायती राज मंजु राजपाल ने प्रमुख शासन सचिव अरोरा को बताया कि राजसमन्द जिले की ग्राम पंचायतों में सेवा मंदिर कचरा इकठ्ठा करता है व इस कचरे के विक्रय से जो आय होती है उससे कचरा संग्रहणकर्ता कर्मियों को भुगतान किया जाता है। राजसमन्द जिले में स्वंयसेवी संस्था सेवा मंदिर की सहभागिता से प्लास्टिक कचरे के निस्तारण हेतु किये जा रहे मॉडल की सराहना करते हुए अरोरा ने कहा कि इस प्रकार की सहभागिता के प्रयास अन्य जिलों में भी किये जाने चाहिये। उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वच्छता परिसरों में नरेगा के साथ कन्र्वजेेन्स से वॉटर हारवेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाने हेतु योजना बनायी जाये।
प्रमुख शासन सचिव अरोरा ने निदेशक स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण विश्व मोहन शर्मा को निर्देश दिये कि गांवों में ठोस एवं तरल कचरा प्रबन्धन प्रभावी ढंग से करने हेतु ग्राम वासियों की व्यापक सहभागिता हेतु प्रचार-प्रसार एवं क्षमता संवद्र्वन पर विशेष तौर से फोकस करें व इस हेतु वातावरण निर्माण हेतु एकीकृत बाल विकास योजना, महिला एवं बाल विकास विभाग आदि संस्थाओं को इस कार्य से जोड़े।
अरोरा ने ठोस एवं तरल कचरा प्रबन्धन के द्वितीय चरण के तहत गांवों की डीपीआर तैयार करने हेतु गुगल अर्थ से केएमएल फाईल तैयार करने व जियो टेगिंग करने हेतु निदेशक स्वच्छ भारत मिशन एवं उनकी टीम के अधिकारियों की प्रशंसा की । उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अन्तर्गत कराये जा रहे कार्यों का थर्ड पार्टी मूल्यांकन विभागीय स्तर पर करवाने, व्यक्ति शौचालय, सामुदायिक स्वच्छता परिसर में कम प्रगति वाले जिलों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित करने व ठोस एवं तरल कचरा प्रबन्धन के अन्तर्गत डीपीआर तैयार कर सितम्बर अन्त तक अनुमोदन करवाने के निर्देश दिये। समिति की बैठक में शासन सचिव, ग्रामीण विकास डॉ. के.के. पाठक, आयुक्त मनरेगा अभिषेक भगोतिया, अतिरिक्त निदेशक बाल विकास, वित्तीय सलाहकार पंचायती हुल्लास राय पंवार सहित राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद्, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन एवं यूनिसेफ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।